फिनायल की जगह गौनायल का करें इस्तेमाल : मेनका

नई दिल्ली: मरकज़ी वज़ीर मेनका गांधी ने वज़ारत के दफ्तरों को साफ करने के लिए फिनायल की जगह गौनायल यानी गाय के पेशाब का इस्तेमाल करने की सलाह दे डाली है। उन्होंने अपने वज़ारत के मुलाज़्मीन को कहा है कि नुकसानदेह केमिकल से बनी फिनायल की जगह गाय के पेशाब से बने Natural disinfectant गौनायल का इस्तेमाल किया जाए।

उन्होंने कैबिनेट के साथियों को खत लिखकर कहा कि इसका इस्तेमाल सरकारी दफ्तरों में किया जाना चाहिए। ख़्वातीन व बच्चों की तरक्की की वज़ीर मेनका ने अपने कैबिनेट साथियों को खत लिखकर गाय के पेशाब से बनी गौनाइल के इस्तेमाल करने की गुजारिश की है।

उन्होंने बताया कि यह माहैलियत के साज़गार है और मरकज़ के स्टोर में गौनाइल का स्टॉक दस्तयाब है। मेनका गांधी से पहले आयुष मंत्री श्रीपद नाइक भी कुछ इसी तरह की अपील कर चुके हैं। उन्होंने कई आर्युवेदिक ड्रग्स कंपनियों को यह साबित करने को कहा था कि उनके यहां बनी दवा का इज़ाद पंचगव्य से हुआ है।

पंचगव्य में गाय के पेशाब और गोबर समेत पांच माद्दा का इस्तेमाल किया जाता है। ज़राये से मिली मालूमात के मुताबिक 7835 लाइसेंस आर्युवेदिक ड्रग कंपनियां पंचगव्य से मेडिकल फॉर्मुलेशन्स के जरिए दवा बनाती हैं। इसके तहत जो प्रोडक्ट गाय के दूध, दही, घी, पेशाब और गोबर से बनाए जाते हैं उन्हें पंचगव्य कहा जाता है। मेडिसिनल पंचगव्य और उसके दिगर माद्दा का इस्तेमाल करते हैं जिसका कई आर्युवेदिक किताबों में भी ज़िक्र है।