फिरक़ापरस्ती का दाग कैसे छुड़ायेंगे नीतीश

राजद के क़ौमी सदर लालू प्रसाद ने वज़ीरे आला नीतीश कुमार से पूछा है कि अपने ऊपर लगे फ़िर्क़ापरस्ती होने के दाग को कैसे छुड़ायेंगे। वज़ीरे आला की रजामंदी से नरेंद्र मोदी के प्रोग्राम को लेकर गांधी मैदान भाजपा को दिया गया है। इसका साफ मतलब है कि नीतीश और भाजपा में मिलीभगत है। अगर नीतीश खुद के सेकुलर होने का दावा करते हैं, तो उन्हें बताना होगा कि गुजरात फसादात के वक़्त वह चुप क्यों बैठे थे।

पीर को वह अपने रिहाईस पर अकलियती बेदारी कारवां के दूसरे जत्थे को हरी झंडी दिखाने के बाद सहफ़ियों से मुज़ाकरत कर रहे थे। कारवां वैशाली, सारण, सीवान, मशरिकी चंपारण, मगरीबी चंपारण, बगहा और बेतिया में मुसलिम अकसरियत इलाकों में जाकर जदयू के असली चेहरे और भाजपा के नापाक इरादे से आवाम को आगाह करायेगा। इसका कियादत विधान पार्षद गुलाम गौस करेंगे।

इसमें सौकत करीमी, नौशाद अली, मोहम्मद मुस्तफा समेत कई शामिल रहेंगे। मिस्टर प्रसाद ने कहा कि भाजपा रियासत और मुल्क को फ़िर्क़ापरस्त की आग में झोंकना चाहती है। उसके मंसूबे को कामयाब नहीं होने देंगे। मौके पर रियासत के प्रिन्सिपल जेनेरल सेक्रेटरी रामकृपाल यादव, मीडिया इंचार्ज रणधीर यादव, तर्जुमान एजाज अहमद, आकलियाती सेल के रियसती सदर डॉ अब्दुल गफूर भी मौजूद थे।