फिर्कावाराना ताकतों से है इंतेखाबी लडाई :AIMIM

पटना: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) की बिहार यूनिट के सदर अख्तरूल ईमान ने कहा कि रियासत के इलेक्शन में एआईएमआईएम पहली मरतबा इंतेखाबी मैदान में है। इस इंतेखाबात में उनकी ल़डाई उन फिर्कावाराना ताकतों और मौकापरस्त अनासिर से है, जिनके सबब सीमांचल के इलाको का अब तक डेवलप नहीं हो पाया है।

ईमान ने आईएएनएस के साथ खुसूसी बातचीत में कहा, “”ऐसे तो पूरे बिहार में दलित-मुस्लिमों के हालात खराब है लेकिन सबसे खराब हाल सीमांचल इलाके में है। उनके हालात में सुधार के लिए सीमांचल की 24 सीटों पर इलेक्शन ल़डने का पार्टी ने फैसला लिया है।””

इस इल्ज़ाम पर कि एआईएमआईएम को बिहार इलेक्शन में उतारने के पीछे भाजपा का हाथ है, उन्होंने कहा कि जो खुद गुनाहगार हैं, वे दूसरों पर गुनाह का इल्ज़ाम मढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, “”एआईएमआईएम पिछले कई सालों से फिर्कावाराना ताकतॊ के खिलाफ ल़ड रही है।

इसका सुबूत सदन से लेकर स़डक तक आवाम देख चुकी है। यह इल्ज़ाम लगाने वाले खुद अपना गुनाह छिपाने की कोशिश में ऐसा कह रहे हैं।”” एआईएमआईएम ने बिहार के सीमांचल हल्को में पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और कटिहार जिले के 24 विधानसभा हल्के में इलेक्शन ल़डने का ऐलान किया है। साबिल एमएलए ईमान कहते हैं कि पिछले लोकसभा इंतेखाबात में भाजपा को किशनगंज में रोकने के लिए ही उन्होंने अपना नाम वापस लिया था।

उन्होंने बताया कि पार्टी लीडर अकबरूद्दीन ओवैसी चार अक्टूबर को बिहार पहुंच रहे हैं। वह कोचाधामन हल्के से इंतेखाबी तश्हीर की शुरूआत करेंगे। ईमान ने कहा कि सीमांचल के पिछ़डेपन के लिए कोई एक पार्टी मुजरिम नहीं है। इसके पिछ़डेपन के लिए कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल (युनाइटेड) जिम्मेदार हैं। इस इलाके को दिल्ली ने तवज्जो नहीं दी और पटना ने इसका हक मार लिया।

ईमान ने कहा, “”इलाके के सभी लीडरों ने वोट के नाम पर सियासत की, लेकिन आज तक इस हल्के में एक भी मेडिकल कॉलेज और इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं खुल सका है। आंकडे़ बताते हैं कि स्टूडेंट्स को जो स्कालरशिप मिलती है, उसमें भी इस इलाके के साथ इम्तियाज़ी सुलूक किया गया है।”” उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम के सीमांचल हके से इलेक्शन ल़डने के ऐलान के बाद ही यह ह्ल्का क़ौमी सतह पर चर्चा का मौज़ू बन गया।

यह पार्टी और इस हल्के के लोगों के लिए ब़डी कामयाबी है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को मुखालिफ नंबर-एक बताते हुए कहा कि उनकी पार्टी न सिर्फ फिरकापरस्त ताकतों, बल्कि मुसलमानों का इस्तेमाल करने वाले मौकापरस्तों के भी खिलाफ है।

उन्होंने कहा कि आज कई पार्टी इलेक्शन में तरक्की को मुद्दा बता रहे हैं, लेकिन इत्तेहाद कर नस्ली मसावात को साधने में लगे हुए हैं।