फिर पलटे पवार

बी जे पी के पीएम‌ के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर सख़्त तन्क़ीद करते हुए एन सी पी के सदर और मर्कज़ी वज़ीर शरद पवार ने जानना चाहा कि अवाम नरेंद्र मोदी पर कैसे भरोसा करें? जिन्होंने कांग्रेस रुकन पार्लियामेंट‌ के अरकाने ख़ानदान से तक मुलाक़ात नहीं की जिन्हें मुबय्यना तौर पर रियासत गुजरात के दार-उल-हकूमत के क़रीब ज़िंदा जला दिया गया था।

शरद पवार ने कहा कि जब मोदी चीफ़ मिनिस्टर थे एक कांग्रेस रुकन पार्लियामेंट को रियासती दार‍-उल‍‍-हुकूमत से सिर्फ़ 20 किलोमीटर दूर ज़िंदा जला दिया गया लेकिन चीफ़ मिनिस्टर ने सोगवार ख़ानदान से मुलाक़ात करना भी गवारा नहीं किया। एसा शख़्स मुल्क की फ़लाह-ओ-बहबूद का कैसे यक़ीन‌ दे सकता है।

वो एन सी पी के वज़ीर सुनील ततकारे के इंतेख़ाबी जल्सा-ए-आम से ख़िताब कररहे थे जो राय गढ़ की लोक सभा नशिस्त के लिए मुक़ाबले में हैं। उन्होंने कहा कि हम ने कई लोक सभा इंतेख़ाबात देखे हैं लेकिन नहरू के दौर से अब तक हम ने विज़ारत-ए-उज़मा के किसी नामज़द उम्मीदवार के बारे में इंतेख़ाबात से पहले कभी नहीं सुना।

लेकिन बी जे पी ने इंतेख़ाबी अमल के आग़ाज़ से पहले ही अपने उम्मीदवार को नामज़द कर दिया है। ये दस्तूर की तौहीन के मुतरादिफ़ है। जब भी मोदी कहते हैं कि वो हिन्दुस्तान को कांग्रेस से पाक बनादेंगे तो वो एक एसी पार्टी को मुल्क‌ से निकाल देने की बात करते हैं जिस ने अंग्रेज़ों को निकाल बाहर किया था और हिन्दुस्तान को आज़ादी दिलाई थी।

बी जे पी क़ाइदीन ने मुल्क के लिए क्या क़ुर्बानियां दी हैं। हम उन लोगों को कामयाब होने नहीं देंगे। ग़िज़ाई तमानीयत क़ानून से महाराष्ट्र के 7 करोड़ 30 लाख अफ़राद को फ़ायदा हुआ। चीफ़ मिनिस्टर महाराष्ट् पृथ्वी राज चावहान ने कहा कि हालाँकि नशिस्तों की तक़सीम के फार्मूले को पहले क़तईयत दी गई थी लेकिन कांग्रेस और एन सी ने राय गढ़ लोक सभा नशिस्त बाहम तबदील करने का फ़ैसला किया क्योंकि शिवसेना के उम्मीदवार को वोटों की तक़सीम से फ़ायदा ना पहूंच सके।

जैसा कि माज़ी में होचुका है। गुज़श्ता 10 साल के दौरान यू पी ए के कारनामों का हवाला देते हुए शरद पवार ने कहा कि ये कारनामे दीगर हुकूमतों ने मुल्क की तारीख़ में पहले कभी नहीं किए। मोदी तशहीर की तकनीक इस्तेमाल कररहे हैं जो बैरूनी ममालिक से दरआमद की गई हैं।