* अमेरीकी कौंसलेट कि जारी कि गई प्रैस नोट
हैदराबाद (सियासत न्यूज़) अमेरीकी सेक्रेटरी ओफ़ स्टेट हीलेरी क्लिन्टन ने कहाकि 11 मुल्क जिन में हिंदूस्तान, मलेशिया, कोरिया, जुनूबी अफ़्रीक़ा, श्रीलंका, तुर्की और तायवान ने ईरान से क्रोड़ ऑयल की ख़रीदारी की मिक़दार में बहुत कमी की है। अमेरीकी क़ौंसलख़ाना वाके हैदराबाद से जारी किये गए एक सहाफ़ती बयान में कहा गया कि हीलेरी क्लिन्टन ने मार्च में ईरान के ख़िलाफ़ पाबंदीयां मजबुत बनाने के मक़सद से 11 मुल्कों में ये मुहिम शुरू की थी जिस के बहुत अच्छे नतीजें सामने आए।
हीलेरी क्लिन्टन ने बताया कि वो अमेरीकी कांग्रेस में रिपोर्ट पेश करेंगी जिस में कहा जाएगा कि नैशनल डीफ़ैंस ओथोराइज़ीशन एक्ट के तहत मालीयाती साल 2012 के लिए इन मुल्कों पर पाबंदियां लागु नहि होगी। हीलेरी क्लिन्टन ने कहाकि ईरान को न्यूक्लियर हथियारों का हामिल बनाने से रोकने के लिए जारी कोशिशों की इन मुल्कों ने ताईद की है। इस के इलावा ईरान को इंटरनेशनल कानुनों का पाबंद बनाया गया है।
आज के इस एलान से पाबंदीयां पर अमल शुरु करने में कामयाबी का अंदाज़ा किया जा सकता है। हीलेरी क्लिन्टन ने कहाकि ईरान के तेल की बिकरी में कमी के ज़रीये हम ईरान के लिडरों को फ़ैसलाकुन पैगाम देना चाहते हैं। जब तक वो दुनिया भर के लोगों की चिंता को इतमीनान बख़श तौर पर दूर नहीं करेंगे तब तक ईरान पर दबाव बरक़रार रखा जाएगा और साथ ही साथ उसे अकेला कर दिया जाएगा।
अमेरीका ने ईरान के ताल्लुक़ से दो रुख़ी पोलिसी इख़तियार की है जिस में ईरान को ये मौक़ा दिया जा रहा है कि वो इंटरनेशनल बिरादरी के साथ संजीदा बातचित करते हुए न्यूक्लियर प्रोग्राम पर जारी चिंता को दूर करे।
इस मक़सद केलिए वो 6 बडे मुल्कों के साथ बातचित कर सकता है। ईरान के लिए मोस्को में होने वाले अगले दौर कि बातचित में बैन-उल-अक़वामी बिरादरी को मुतमइन करने का बेहतर मौक़ा है।