फिलीस्तीनियों के बचपन को नष्ट करना इजरायल का लक्ष्य

यरूसलम : इजरायल की अदालत ने फिलीस्तीनी किशोर कार्यकर्ता अहद तमीमी और उसकी मां को ट्राइल के दौरान तक हिरासत में रखने का फैसला किया है। 16 वर्षीय तमीमी को पिछले महीने रात में वेस्ट बैंक के कब्जे वाले नबी सलेह गांव में उसके घर में रात को छापा मार कर हिरासत में लिया गया था। कुछ समय पहले ही, उसके 15 वर्षीय चचेरे भाई गंभीर रूप से घायल हो गए थे जब इजरायली सेना ने उसे रबर बुलेट से उसके चेहरे पर गोली मार दी थी बाद में उसकी मौत हो गयी थी।

उनकी मां नरिमन और उनके 20 वर्षीय चचेरे भाई नूर को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। जनवरी के पहले अहद तमिमी पर पत्थर फेंकने के पिछले उदाहरणों सहित 12 आरोप लगाया गया था। नरिमन पर हमले के आरोप और सामाजिक मीडिया पर वीडियो अपलोड करने के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया था।

नूर पर कथित रूप से एक सैनिक पर हमला करने और एक सैनिक के कर्तव्यों के साथ हस्तक्षेप करने का आरोप है। हालांकि, उसके बाद से उसे जमानत पर रिहा किया गया है।
बाकी की अगली सुनवाई 31 जनवरी को होगी, जिस दिन वह 17 साल की हो जाएगी। नरीमन और नौर की सुनवाई फरवरी में होगा।

इजरायल के ओफ़र डिटेन्शन सेंटर के गाबी लास्की और अहद व नरीमन के वकील अदालत से अल जज़ीरा से बात करते हुए कहा कि उन्हें नहीं पता था कि उनके ट्राइल कब तक चलाये जाएँगे। तमीमी परिवार नबी सालेह में प्रसिद्ध कार्यकर्ता हैं, और लगभग एक दशक से गांव के अहिंसक विरोध का नेतृत्व करते है।

अहद के पिता बासेम ताममी को कई बार इजरायल की सेना ने गिरफ्तार कर लिया गया था और कम से कम चार साल उन्होने जेल में बिताया है। नरीमन को हाल ही में गिरफ्तार किए जाने से पहले पांच बार हिरासत में लिया गया है। अल जज़ीरा से बात करते हुए, उन्होंने कहा कि उन्हें इसराइल की कानूनी व्यवस्था से किसी भी न्याय की उम्मीद नहीं है।

उन्होंने कहा, “व्यवस्था को फिलीस्तीनियों पर हमला करने के लिए ही स्थापित किया गया है।” “किसी को भी ताज्जुब नहीं होगा जब उसे जेल में प्रताड़ित करेंगे। फिलीस्तीनियों के बचपन को नष्ट करना इजरायल का लक्ष्य है।”

अधिकार समूहों के अनुसार, फ़िलिस्तीनियों को इजरायल की सैन्य अदालतों में लगभग 100 प्रतिशत सजा का सामना करना पड़ता है, जबकि एक फिलीस्तीनी जो इजरायल सैनिक के लिए शिकायत दर्ज करता है, तो केवल एक 1.9 प्रतिशत लोगों को ही दोषी ठहराया जाता है।

फिलिस्तीन बच्चों के लिए काम कर रहे अंतरराष्ट्रीए (डीसीआईपी) अधिकार समूह के अनुसार, इजराइल सैन्य न्यायालयों में बच्चों पर मुकदमा चलाने वाली दुनिया का एकमात्र देश है। यद्यपि अहद इजरायल की सैन्य अदालत का सामना कर रही है, सब जानते हैं की इजरायलियों और फिलीस्तीनियों के लिए इजरायल की दोहरी कानूनी व्यवस्था है।

ह्यूमन राइट्स वॉच के एक वरिष्ठ शोधकर्ता बिल वैन एस्लेड के अनुसार इज़राइली नागरिक अदालतों ने 18 प्रतिशत मामलों में इजरायली बच्चों को जमानत दिया है । इसके विपरीत, इजरायल की सैन्य अदालतों ने 70 प्रतिशत मामलों में फिलीस्तीनी बच्चों को जमानत से इंकार कर दिया। उन्होने कहा की इजरायल और फिलीस्तीनियों की सजा के बीच यह असमानता “एक नसलवादी राज्य का प्रतीक है”

फिलिस्तीनी कैदियों के अधिकार समूह एडमिमर के मुताबिक, दिसंबर महीने तक इजरायल की जेलों में 350 फिलिस्तीनी नाबालिगों को रखा गया था। डीसीआईपी ने बताया है कि वर्ष 2000 से कम से कम 8,000 फिलीस्तीन बच्चों को गिरफ्तार किया गया और इजरायल की सैन्य अदालतों में मुकदमा चलाया गया है।