फिल्मों की कामयाबी में राइटर्स का अहम रोल : नसीर उद्दीन शाह

बाली वुड के सीनीयर अदाकार नसीर उद्दीन शाह ने जो आजकल एक किताब लिखने में मसरूफ़ ( व्यस्त) हैं, कहाकि वो राइटर्स (मुसन्निफ़ीन) को हमेशा काबिल-ए-तहसीन समझते हैं क्योंकि ऐक्ट्रस के लिए रोल, मुनाज़िर और मकालमे यही राइटर्स तहरीर करते हैं।

गुज़श्ता शाम एक किताब की रस्म रूनुमाई की तक़रीब ( समारोह) में शिरकत करते हुए अख़बारी नुमाइंदों से बात करते हुए उन्होंने कहाकि राइटर्स के तआवुन (सहयोग) की एहमीयत से इनकार नहीं किया जा सकता।

फ़िल्म के पर्दे पर ऐक्टर जो भी परफ़ार्मैंस करता है वो दरअसल राइटर्स के ज़ोर क़लम का नतीजा होती है। राइटर्स जितने मोअस्सर अंदाज़ में मंज़र या मुकालमा तहरीर करता है अगर ऐक्टर भी इतना ही मोस्सर हो तो मंज़र में चार चांद लग जाते हैं। नसीरउद्दीन शाह एक ऐसे ऐक्टर हैं जो आर्ट और कमर्शियल फिल्मों में यकसाँ तौर पर कामयाब रहे। जैसे ए वेडनसडे, क़ुरैश, सरफरोश, त्रिदेव, कर्मा, मोहरा, आक्रोश वग़ैरा।