फुटबॉल को मैच फिक्सिंग से एशिया तन्हा नजात नहीं दिला सकता: जिलौइंग

कोवालम्पुर 22 फरव‌री : ( ए पी ) एशीयन फुटबॉल कन्फेडरेशन के क़ाइम मक़ाम सदर ड़ेंग जिलौइंग ने इंतिबाह दिया है कि दुनिया भर में फुटबॉल मैच फिक्सिंग की मोहलिक बीमारी कैंसर की सूरत इख़तियार करचुकी है। इस तेज़ी से फैलने वाले मसले के हल के लिए एशिया या कोई एक इदारा तन्हा कुछ नहीं कर सकता।

मैच फिक्सिंग के तेज़ी से फैलने की वजह से खेलों के शोबे में कुरप्शन,बटनग और फिक्सिंग में इज़ाफ़ा होरहा है । इस बीमारी पर क़ाबू पाने के लिए हमें आलमी सतह पर मिल कर सख़्त इक़दामात करने होंगे। उन्होंने इन ख़्यालात का इज़हार सिंगापुर में ए एफसी और इंटरपोल के ज़ेर-ए-एहतिमाम मैच फिक्सिंग और कुरप्शन की रोक थाम के हवाले से दो रोज़ा सैमीनार में क्या।

सैमीनार में इंटरपोल के डायरेक्टर जे़ल शाहीन, फ़ीफ़ा के सैक्योरिटी डायरेक्टर राल्फ मुतशीकी, चीनी हुक्काम, एशीयन वर्ल्ड प्लेयरज़ यूनीयन के चेयरमैन ब्रेंडन शोयब समेत दीगर शुरका ने शिरकत की। ए एफसी ड़ेंग चलोइंग ने इफ़्तिताही ख़िताब में कहा कि खेलों के शोबे खासतौर पर फुटबॉल में कैंसर जैसी मोहलिक बीमारी जन्म ले रही है ,

किसी भी तंज़ीम केलिए बड़े पैमाने पर इन जराइम की रोक थाम करना मुश्किल काम ज़रूर है लेकिन नामुमकिन नहीं। फुटबॉल को मैच फिक्सिंग कैंसर से एशिया तन्हा नजात नहीं दिला सकता हम को मिलकर इस का ख़ातमा करना होगा। फ़ीफ़ा के सैक्योरिटी डायरेक्टर राल्फ मुतशीकी ने कहा कि बढ़ते हुए जराइम बुनियादी तौर पर क़ानून नाफ़िज़ करने वाले इदारे और सियासतदानों पर सवालिया निशान हैं।

उन की कारकर्दगी पर शक होने लगता है कि वो कैसे जराइम को रोकने में कामयाब होंगे। उन्हों ने कहा कि तमाम स्पोर्टस फ़ैडरेशनस को मिलकर इन जराइम को रोकना चाहीए वर्ना फुटबॉल समेत तमाम खेल जराइम का गढ़ बिन जाऐंगे