फूल एक दूसरे से अलग क्यों होते हैं?

बच्चो! दुनिया में सैंकड़ों इक़साम के फूल हैं इन सब के ना सिर्फ रंग अलग हैं बल्के उनकी शक्ल-ओ-सूरत भी अलग है। फिर उनके ख़वास भी अलग अलग हैं जैसे गुलाब, मोतिया, चम्बेली, रात की रानी, नरगिस वग़ैरा, नरगिस के फूल के बारे में तो कहा जाता है कि इस की शक्ल इन्सानी आँख से मिलती जुलती है।

इसी लिए ख़ूबसूरत आँखों को चश्मे नरगिस भी कहा जाता है। फूल अपनी ख़ूबसूरत और ख़ुशबू ही की वजह से एहमीयत नहीं रखते बल्के फूलों से अलग किस्म की दवाएं भी बनाई जाती हैं जो अलग अमराज़ के लिए मुफ़ीद होती हैं। अलग पौदों के मुख़्तलिफ़ फूल , अलग तर्तीब में उगते हैं।

कुछ फूल वाहिद शक्ल में खुलते हैं यानी हर डंडी पर एक ही फूल होता है और बाज़ पौदों के फूल गुच्छों की शक्ल में होते हैं। अगरचे हर पौदे के फूल अपनी शक्ल-ओ-सूरत में दुसरे फूलों से अलग होते हैं लेकिन हर फूल के बुनियादी हिस्से एक ही तरह के होते हैं। हर फूल के चार बुनियादी हिस्से होते हैं। मसनद-ए-गुल , पंखुड़ीयां, हामिल ज़र, बुक़चा गिल।