फेसबुक गिरफ़्तारी का शाख़साना मजिस्ट्रेट बिगाड़े का तबादला

मुंबई, २८ नवंबर ( एजेंसी) बाल ठाकरे की आखिरी रसूमात के दिन मुंबई बंद पर एतराज़ करने वाली दो लड़कीयों को जिन्होंने फेसबुक के ज़रीया अपनी नाराज़गी का इज़हार किया था और जिन्हें गिरफ़्तार भी किया गया था इस मुआमला ने एक और दिलचस्प मोड़ उस वक़्त लिया जब बॉम्बे हाइकोर्ट ने इस मजिस्ट्रेट का तबादला कर दिया जिसने दोनों लड़कीयों को अदालती तहवील में देने का हुक्म जारी किया था और बादअज़ां उनकी ज़मानत मंज़ूर की थी ।

तबादला के अहकामात पर कल हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार ने दस्तख़त कर दिए जिसके बाद तबादला की इत्तिला महकमा दाख़िला चीफ़ जोडेशील मजिस्ट्रेट और जोडेशील मजिस्ट्रेट फ़रस्ट क्लास आर जी बेगाड़े को दी गई । याद रहे कि शाहीन धाडा और रेनू श्रीनवास नामी दो लड़कीयों को पीर के रोज़ हिरासत में लिया गया था क्योंकि शाहीन ने 18 नवंबर को ठाकरे की आख़िरी रसूमात के दौरान मुंबई को अमलन बंद कर देने पर अपनी नाराज़गी का इज़हार फेसबुक पर किया था जिसकी ताईद रेनू श्रीनवास ने की थी ।

उन्हें ताअज़ीरात-ए-हिंद की दफ़आत 295(A) और 505(2) के तहत गिरफ़्तार किया गया था । बादअज़ां अदालत में पेश किए जाने पर उन्हें अदालती तहवील में दे दिया गया था और बादअज़ां 15000 रुपए फी कस के शख़्सी मुचल्का दोनों लड़कीयों की ज़मानत मंज़ूर की गई थी ।

इस वाक़िया ने क़ानूनी हलक़ों में एक नई बहस छेड़ दी जिस पर कुछ वुकला का ये ख़्याल था कि लड़कीयों की ज़मानत मंज़ूर करने की बजाय उन्हें इस मुआमला से मुकम्मल तौर पर डिस्चार्ज कर देना चाहीए था क्योंकि उन्हें ग़लत इल्ज़ामात के तहत गिरफ़्तार किया गया था ।

इलावा अज़ीं हुकूमत महाराष्ट्रा ने भी इन्सपेक्टर जनरल ( कोंकण ख़ित्ता) सुखवींदर सिंह की क़ियादत में तहक़ीक़ात का हुक्म दिया था ।