नई दिल्ली: जेएनयू मामले में स्टूडेंट यूनियन के प्रधान कन्हैय्या कुमार की गिरफ्तारी के बाद पहली बार पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी यानि पीडीपी सुप्रीमो मेहबूबा मुफ़्ती ने इस मामले में एक बयान दिया है जिसके बाद से साफ़ हो गया है कि कभी अफज़ल गुरु को फांसी पर लटकाये जाने का विरोध करने वाली पार्टी के पूर्व सुप्रीमो मुफ़्ती मोहम्मद सईद के चल बसने के बाद पार्टी की सोच में भी बदलाव आना शुरू हो गया है या यूँ कह लें कि हवाओं ने एक बार फिर रुख बदला है।
महबूबा मुफ़्ती ने कन्हैय्या कुमार के ऊपर लगे देशद्रोह के इल्ज़ामों के बारे में जारी किये अपने बयान में कहा: ” कौन गुनाहगार है और कौन नहीं इस बात का फैसला कोर्ट पर छोड़ देना चाहिए; इस बात का फैसला मीडिया या नेताओं को नहीं करना चाहिए “
आपको बता दें कि इस मामले में उस अफज़ल गुरु का नाम भी जुड़ा हुआ है जिसकी फांसी के बाद जम्मू कश्मीर की इसी पार्टी पी.डी.पी ने खूब हंगामा करते हुए उसकी फांसी को गलत करार दिया था।
ऐसे में अफज़ल के हक़ में आवाज़ उठाने वाले लोगों के बारे में ऐसे बयानों के सामने आने से समझा जा सकता है कि आने वाले वक़्त में जम्मू-कश्मीर का राजनितिक माहौल पहले के मुताबिक काफी अलग होगा।
इस मामले में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ऊमर अब्दुल्लाह ने एक टवीट के जरिये कहा है: ” कितनी जल्दी उसके लफ्ज़ उसकी साथी पार्टियों के लफ़्ज़ों से मेल खाने लगे हैं” बदलाव पूरा हो चुका है।