फैसल हत्याकांड में पुलिस की गंभीर लापरवाही, जिसे बताया था मुख्य आरोपी, वह हत्या के समय जेल में था बंद

इलाहाबाद: पिछले साल इलाहाबाद में सांप्रदायिक ताकतों के हाथों फैसल नाम के युवक की हत्या मामले में पुलिस की गंभीर लापरवाही का खुलासा हुआ है। फैसल की हत्या के आरोप में पुलिस ने जिन चार युवकों को गिरफ्तार करने का दावा किया था, वे सभी आरोपी फर्जी निकले हैं। यही नहीं पुलिस ने जिस युवक को फैसल की हत्या का मूल और महत्वपूर्ण मुलजिम करार दिया था, वह युवा हत्या के दिन नैनी सेन्ट्रल जेल में कैद था उल्लेखनीय है कि पिछले साल अक्टूबर महीने में दशहरा और मुहर्रम के दौरान मुह्तषम गंज इलाके के रहने वाले फैसल का साम्प्रदायिक लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। फैसल को गोली तब मारी गई थी, जब वह तंग गलियों से होकर अपने घर के करीब पहुंच गया था. फैसल की हत्या के बाद शहर में सांप्रदायिक तनाव फैल गया था। फैसल की हत्या के खिलाफ बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन भी किया था।

हालांकि इलाहाबाद हाई कोर्ट के सख्त रुख से 30 अप्रैल को पुलिस ने चार युवकों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने इन युवकों को मीडिया के सामने इस दावे के साथ पेश किया कि फैसल की हत्या में ये चारों आरोपी शामिल थे, लेकिन बाद में पता चला कि पुलिस ने जिस युवक को हत्या का मुख्य आरोपी करार दिया था, वह हत्या के समय नैनी सेंट्रल जेल में बंद था। इसके अलावा पुलिस ने जिन तीन युवकों को गिरफ्तार किया था, उनका संबंध भी फैसल की हत्या से नहीं है। पुलिस की इस फर्जी गिरफ्तारी से फैसल के घरवाले सख्त सदमे में हैं।

चश्मदीद लोगों का कहना था कि फैसल को जिन युवकों ने गोली मारी थी उनका संबंध एक सांप्रदायिक संगठन से है। इस बात का उल्लेख फैसल के परिवार द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में भी है, लेकिन अभी तक पुलिस इस मामले में दोषियों को बचाने और उस पर पर्दा डालने की कोशिश में लगी हुई है।