फ्रांस में बुर्किना की पबान्दी के बाद भी बिक्री 200 फीसद बढ़ी

पिछले हफ़्ते फ्रांस के कान शहर के मेयर ने समंदर किनारे महिलाओं के ‘बुर्किनी’ पहनने पर पाबंदी लगाई थी. इसके बाद पूरी दुनिया में महिलाओं के बीच इसे पहनने, ना पहनने पर बहस छिड़ गई है.फ्रांस में मुस्लिम महिलाओं के बीच लोकप्रिय बुरकिनी पर पाबंदी के बाद इसकी ऑनलाइन बिक्री बढ़ गई है.
बुरकिनी का ईजाद करने वाली ऑस्ट्रेलिया की अहेदा जनेट्टी का कहना है कि फ्रांस में प्रतिबंध लगने के बाद बुरकिनी की ऑनलाइन बिक्री 200 प्रतिशत बढ़ गई है.

ज़ानेट्टी कहती हैं कि मैंने बुरकिनी तैयार करते समय मेरे दिमाग में ये था कि मैं कोई ऐसा वस्त्र बनाऊं ताकि मुस्लिम महिलाएं ऑस्ट्रेलिया में समंदर किनारे की लाइफस्टाइल में रच-बस सकें. खुद को अटपटा ना महसूस करें उन्होंने कहा, “मैं चाहती हूं कि मेरी बेटी जब बड़ी हो तो उसे ये तय करने की आजादी हो कि वो क्या पहनेगी. यदि उसे बिकनी पसंद है तो बेशक वो बिकनी ही पहने, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ेगा.”अहेदा के अनुसार, “दुनिया का कोई मर्द तय नहीं कर सकता कि हम क्या पहने और क्या ना पहनें.” उन्होंने बताया कि फ्रांस में इस्लाम के विकास को अवरुद्ध करने के लिए स्कूलों में हिजाब पहनने पर लगाई गई पाबंदी का भी उन पर असर था.
फ्रांस के कई शहरों में बुरकिनी को ये कहते हुए प्रतिबंधित कर दिया गया था कि यह धर्मनिरपेक्षता के कानून को खारिज करता है.