फ्रेन्डस ऑफ विकर सोसाइटी रांची वक्त ब वक्त सोसाइटी जरूरत मंद तल्बा-तालेबात को इमदाद करने से गुरेज नहीं करती 5 अक्तुबर बरोज सनिचर को सोसाईटी ने एक प्रोग्राम में टोटल इजूकेशन सपोर्ट सिस्टम के तहत इक्तेसादी तौर से कमजोर तालिबे इल्म मोहम्मद फैजान को जिसके वालेदाइन की इक्तेसादी हालात ठिक नहीं है और लड़का इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहता है, पैसे के किल्लत में दाख्ला नहीं ले पा रहा था, सोसाइटी ने इस मरहले की तफसीश की और मोहम्मद फैजान को गोद लेकर इसके पूरे पढ़ाई का खर्च उठाने का फैसला लिया है और एच एम एंड जीएस इंजीनियरिंग कॉलेज, गुंटूर, अंध्रप्रदेश में दाख्ला के लिए बीस हजार रूपये देकर इक्तेसादी मदद की है। सोसाइटी ने इससे साबिक़ भी कई बच्चों को गोद ले चूकी है।
आशना अली, नूरूल नेहा जो माड़वाड़ी कॉलेज की तालेबा हैं, इक्तेसादी बहरान की वजह से बीए पार्ट-2 में दाख्ला नहीं ले पा रहीं थी उसे भी सोसाइटी ने मदद की है। सुल्तान अहमद जैक टॉपर जिसे सोसाइटी ने पहले ही गोद ले रखा है उसे भी आज 2500 रूपये से मदद की गई।
गौरतलब है कि सुल्तान के वालिद ऑटो ड्राईवर हैं और इसे संत जॉन इंटर कॉलेज में दाख्ला सोसाइटी के जानिब से कराया गया था।
मदरसा नूरूल इसलाम, इसलाम नगर, जिसे सोसाइटी ने गोद लेकर असातेज़ा की तनख्वाह देती आ रही है। आज मदरसा को 5000 रूपये की मदद की है। और आने वाले वक्त में ये ताउन जरूरतमंदों के लिए जारी रहेगी।
इस मौके पर फ्रेन्डस ऑफ विकर सोसाइटी रांची के सदर तनवीर अहमद ने कहा की सोसाइटी समाज के दबे कुचले और पसमान्दा तल्बा व तालेबात जो मेरिटोरियस और होनहार हैं उसे हर मुमकिन इमदाद करने की कोशिश करती है। तनवीर अहमद ने अवाम से इस तंजीम से मुंसलिक होने की दरख्वास्त की है।
सोसाइटी के सरबराह डॉ एम एस जुबेरी ने अपने हाथों से जरूरतमंदों को रक़म दी और कहा कि ज्यादा से ज्यादा इमदाद कर तालिमी सतह में बेहतरी लाने की जरूरत है। इस मौके पर मोहम्मद खलिल, मोहम्मद जाहिद समेत दिगर बच्चों के अहले खाना मौजूद थे।