बंगलादेश की सियासत में जेनरल इरशाद दुबारा मर्कज़ी शख़्सियत

साबिक़ फ़ौजी हुक्मराँ जेनरल हुसैन मुहम्मद इरशाद जिन्हें एक अवामी बग़ावत में आज ही के दिन 23 साल क़ब्ल इक़्तिदार से बेदखल कर दिया गया था, बंगलादेश की तग़य्युर पज़ीर सियासत में एक बार फिर कलीदी शख़्सियत की हैसियत से उभर आए हैं। वज़ीरे आज़म शेख़ हसीना के आइन्दा आम इंतिख़ाबात के मुक़ातआ का एलान करने के बाद उन की एहमीयत और मक़बूलियत में बेइंतिहा इज़ाफ़ा हुआ है।

83 साला साबिक़ सदर जिन की जातीया पार्टी अवामी लीग ज़ेरे क़ियादत मख़लूत हुकूमत की कलीदी हलीफ़ है, दुबारा सुर्ख़ीयों में आ गई जबकि तीन दिन पहले पार्टी ने 5 जनवरी को मुक़र्रर इंतिख़ाबात से दूर रहने का एलान किया क्योंकि मुनासिब माहौल का फ़ुक़दान है। इन वुज़रा ने जेनरल इरशाद की बीवी रोशन और भाई एम क़ादिर भी शामिल हैं।

जेनरल इरशाद को ज़राए इबलाग़ में काबिले लिहाज़ तशहीर हासिल हो गई है क्योंकि उन्हों ने पुलिस के 3 दिसंबर को अपनी क़ियामगाह का मुहासिरा करने के बाद हुकूमत पर दबाव बढ़ाने के लिए ख़ुदकुशी कर लेने की धमकी दी थी।