इंडियन रेडक्रास सोसायटी (आई आर सी एस) ने बंगला देशी जेल से त्रिपुरा के दस क़ैदीयों को वापस लाने की पहल की है। ये इत्तेला ( खबर) आज सोसायटी के ज़िम्मेदारों ने दी है। हिंदुस्तानियों की एक ख़ासी तादाद क़ैद की मीयाद ( मुद्दत) मुकम्मल ( पुरी) होने के बाद भी बंगला देश की मुख़्तलिफ़ ( कुछ) जेलों में पड़ी हुई है । इन में से बेशतर( ज़्यादातर) हिंदूस्तान की सरहदी रियास्तों के लोग हैं ।
ये सूरत-ए-हाल नाकाफ़ी सिफ़ारती पहल का नतीजा हैं। सोसायटी की ढाका शाख़ ( ब्रांच) ने सोसायटी की दिल्ली शाख़ ( ब्रांच) को ख़बर दी थी कि 30 से 55 बरस ( साल) के कोई 10 लोग क़ैद की मीयाद ( अवधी/ मुद्दत) मुकम्मल ( पूरी) होने के बावजूद दस बरसों से ब्रहम बरिया जेल में पड़े हुए हैं।
ये लोग मग़रिबी ( पश्चिमी)त्रिपुरा के सोना मोरा सब डवीज़न के हैं। आई आर सी एस के एक आला अफ़्सर (उच्च अधिकारी) ने बताया कि ये सभी लोग मुबय्यना (कथित/कहे हुए तौर पर) तौर पर गै़रक़ानूनी तरीक़े से मुख़्तलिफ़ मौक़ों पर बंगला देश में दाख़िल होने की पादाश (बदले) में ज़्यादा से ज़्यादा छः बरसों ( सालों) के लिए जेल में डाले गए थे लेकिन एक दहाई (दस साल) गुज़र जाने के बाद भी वो अब तक अपने घर नहीं लौट पाए हैं।