बंगला देश एक और जंगी जराइम फ़ैसले के लिए तैयार

जमात-ए-इस्लामी के एक और सरकरदा रहनुमा मीर क़ासिम अली को जंगी जराइम की पादाश में इतवार को सज़ा सुनाई जाएगी , जिस के वो 1971 में जंग-ए-आज़ादी के दौरान मुर्तक़िब हुए थे, एक ख़ुसूसी बंगला देशी ट्रिब्यूनल ने ये ऐलान किया।

जजों के तीन रुकनी पैनल ने जमात के महरूस रहनुमा 62 साला क़ासिम अली को इतवार के रोज़ कठ‌हरे में हाज़िर होने का हुक्म दिया है। बंगला देश के इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल 2 के ओहदेदारों ने बताया कि अदालत इंसानियत के ख़िलाफ़ जराइम के इल्ज़ामात पर फ़ैसला सुनाने तैयार है।मुजरिम क़रार पाने पर क़ासिम अली को भी सज़ाए मौत का सामना है।