बंगला देश : पुरतशद्दुद मुज़ाहिरे जारी, हलाकतें 52 हो गईं

ढाका, 02 मार्च: ( पी टी आई) बंगलादेश में जमात-ए-इस्लामी के एक सीनीयर रहनुमा को सज़ाए मौत सुनाए जाने के बाद से अब तक फ़सादाद में कम अज़ कम 52 अफ़राद हलाक हो चुके हैं। जमात-ए-इस्लामी के सीनीयर रहनुमा दिलावर हुसैन सैयद को गुज़श्ता रोज़ 1971 में 9 महीने तक चली जंग-ए-आज़ादी में बड़े पैमाने पर हलाकतों, इस्मतरेज़ि और जंगी जराइम का मुर्तक़िब ठहराया गया है।

अदालती फ़ैसला आने के बाद मज़हबी तंज़ीम के मुश्तइल हामी सड़कों पर आ गए और उन्होंने पुलिस के साथ झड़पों के इलावा सरकारी इमारतों पर हमले और मुल्क के मुख़्तलिफ़ हिस्सों में रेलवे ट्रैक उखाड़ दीए।

मुज़ाहिरीन ने हुकूमत के हामीयों के दर्जनों मकानात को भी नज़र-ए-आतिश किया है। इससे क़ब्ल पुलिस ने जुमा को बताया कि इन दंगों में छः पुलिस मुलाज़मीन समेत अब तक 42 अफ़राद हलाक हो चुके हैं, लेकिन बंगलादेश के कई अज़ला में जारी फ़सादाद से अब तक 52 अफ़राद लुकमा-ए-अजल बन चुके हैं।

हुकूमत ने आज भी जमात-ए-इस्लामी के मुज़ाहिरों के पेशे नज़र मुल्क भर में सेक्युरिटी फोर्स को अलर्ट कर दिया है। वज़ारत-ए-दाख़िला के मुताबिक़ बॉर्डर गार्ड्स के दस हज़ार पैरा मिल्ट्री पर्सोनल को भी हिफ़ाज़ती इक़दाम के तौर पर तैनात किया गया है।

जमात-ए-इस्लामी ने आज एक बयान में अपने हामीयों से मुल्क भर की मसाजिद में नमाज़ जुमा के बाद पुरतशद्दुद मुज़ाहिरों में हलाक होने वालों के लिए ख़ुसूसी दुआओं की दरख़ास्त की थी क्योंकि सरकारी हुक्काम को ख़दशा हुआ कि नमाज़ जुमा के बाद बड़े पैमाने पर मुज़ाहिरे शुरू हो सकते हैं।

73 साला दिलावर हुसैन को 20 इल्ज़ामात का सामना था जिनमें से इन्हीं 8 में मुजरिम क़रार दिया गया । उनके वकील ने अदालती फ़ैसले को सयासी मुहर्रिकात पर मबनी क़रार देते हुए मुस्तर्द कर दिया और कहा कि उनके मुवक्किल इस फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज करेंगे।

दूसरी जानिब, वकील इस्तिग़ासा ने फ़ैसले पर इत्मीनान ज़ाहिर करते हुए कहा कि दिलावर हुसैन के हाथों अपने अज़ीज़ों को गंवा देने वालों को इंसाफ़ मिल गया है। ख़्याल रहे कि दिलावर हुसैन जमात-ए-इस्लामी के तीसरे ऐसे रहनुमा हैं जिन्हें 2010 में क़ायम ख़ुसूसी ट्रब्यूनल ने जंगी जराइम की पादाश में सज़ा सुनाई है।

बंगलादेश की सब से बड़ी मज़हबी जमात के बारे में ख़्याल किया जाता है कि वो मुल्क की पाकिस्तान से अलैहदगी के ख़िलाफ़ थी।वाज़िह रहे कि जमात-ए-इस्लामी मुल्क की सब से बड़ी अपोज़ीशन पार्टी बंगलादेश नैशनल पार्टी की इत्तिहादी और 2001 से 2006 तक मख़लूत हुकूमत का हिस्सा रह चुकी है।

बंगला देश का दावा है कि 1971 की जंग-ए-आज़ादी में तीन लाख अफ़राद हलाक और दो लाख ख़वातीन का रेप हुआ था।