बंगाल: नोटबंदी पर सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा, विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर केन्द्रीय मंत्री के साथ नहीं करेंगे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग

कोलकाता। नोटबंदी पर केंद्र सरकार के खिलाफ एक और मोर्चा खोलते हुए पश्चिम बंगाल शिक्षा विभाग ने राज्य विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलरों को निर्देश दिया है कि वह डिजिटल अर्थव्यवस्था और नकदी के बिना लेनदेन पर केंद्रीय मंत्री मानव संसाधन प्रकाश जावड़ेकर के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल न हों।

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न्यूज़ नेटवर्क समूह प्रदेश 18 के अनुसार केंद्रीय मंत्री मानव संसाधन विकास ने देश के सभी विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का फैसला किया है, मगर राज्य के शिक्षा मंत्री पर्था चटर्जी ने कल कहा है कि राज्य विश्वविद्यालयों में परीक्षा की शेड्यूल के कारण राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति सम्मेलन का हिस्सा नहीं बन सकेंगे।

विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए शिक्षा मंत्री पर्था चटर्जी ने कहा कि सभी वाईस चांसिलरों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भाग लेने को कहा गया है। मगर बंगाल में राज्य विश्वविद्यालयों में परीक्षा की वजह से वाईस चांसिलरस परीक्षाओं में व्यस्त रहेंगे इसलिए वीडियो सम्मेलन में उनका शामिल होना संभव नहीं है. पार्था चटर्जी से जब पूछा गया किया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने वाईस चांसिलरों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को बाईकाट करने को कहा है? . शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह बहिष्कार नहीं है. लेकिन परीक्षा चल रहे हैं और यह व्यस्त हैं।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल नहीं होने का फैसला राज्य के टोल प्लाजा पर सैन्य जवानों की तैनाती पर पश्चिम बंगाल सरकार के सख्त आपत्ति और विरोध का हिस्सा माना जा रहा है। इसी सप्ताह ममता सरकार ने राज्य के सभी डब्ल्यू बी सी एस अधिकारीयों को निर्देश दिया है कि वह राज्य सरकार के अधीन काम करते हैं इसलिए वह सीधे केंद्र सरकार के किसी आदेश को लागू नहीं कर सकते हैं बल्कि उन्हें पश्चिम बंगाल सरकार के निर्देश पर ही काम करना होगा।

यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने देश के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को निर्देश दिया है कि वह नकदी के बिना लेनदेन के लिए एक महीने अभियान चलायें और उसके बाद ही केंद्रीय मंत्री मानव संसाधन विकास ने सभी विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करने का फैसला किया।
तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को नज़र अंदाज़ करने का फैसला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नोटबंदी के खिलाफ अभियान के मद्देनजर किया गया है।