बंगाल में ममता की वापसी, असम में भाजपा का उदय, बदरुद्दीन अजमल किंगमेकर

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी अपनी सत्ता बरकरार रख सकती हैं, जबकि तमिलनाडु में करुणानिधि की डीएमके सत्ता में वापसी कर सकती है और असम में भाजपा को उसकी उम्मीदों के अनुसार सफलता मिल सकती है। आज केरल ‘तमिलनाडु और पुडुचेरी में हुई मतदान के बाद जारी एग्जिट पोल्स से यह संकेत मिले हैं। तीनों राज्यों में आज सुबह सात बजे से मतदान शुरू हुआ था और प्रारंभिक समय से ही मतदान की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ती रहीं। दोपहर तक अच्छा खासा मतदान हो चुका था। सभी राजनीतिक दलों के उच्च नेताओं और खुद मुख्यमंत्री के दावेदारों ने भी सर्वोच्च समय में अपने मतअधिकार का इस्तेमाल किया था और उन्होंने मतदाताओं से भी भारी संख्या में मतदान की अपील की थी।

Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करिये

मतदाताओं ने शुरुआत से ही लंबी लाइन में टहर कर अपने वोट का इस्तेमाल किया। कुछ स्थानों पर बारिश भी हुई लेकिन मतदाताओं का उत्साह बनाए रहा था। मतदान के पूरा होने के बाद जो एग्जिट पोल्स सामने आए हैं उनके मुताबिक पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी अपनी सत्ता बनाए रख सकती हैं। उन्हें 165 के आसपास सीटें मिलने की उम्मीद है जबकि कांग्रेस। वामपंथी गठबंधन को यहां 125 से अधिक सीटें मिल सकती हैं। कम्युनिस्ट पार्टियां यहां अपनी सत्ता ममता बनर्जी से वापस लेने में नाकाम रही हैं।

Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करिये

भाजपा को यहां महज एक सीट मिल सकती है। बंगाल में कांग्रेस। ममता बनर्जी को सफलतापूर्वक रोक नहीं सका है जबकि भाजपा भी यहां पूरी कोशिश के बाद मतदाताओं को प्रभावित नहीं हो सकी है। असम में एग्जिट पोल्स के मुताबिक भाजपा सत्ता हासिल कर सकती है। विभिन्न सर्वेक्षणों के अनुसार यहां भाजपा और उसके सहयोगी दलों को 70 के आसपास सीटें मिल सकती हैं। कांग्रेस को 35 से अधिक सीटें मिल सकती हैं। यहाँ बदरुद्दीन अजमल के ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट को 10 के आसपास सीटें मिल सकती हैं।

तमिलनाडु में एम करुणानिधि की डीएमके को सत्ता वापस मिल रहीं है। यहां हर बार सरकार बदलने की परंपरा ऐसा लगता है कि बनाए रहेगी। यहां कांग्रेस। डीएमके गठबंधन को 130 के आसपास सीटें मिल सकती हैं। जय ललिता की ऑल इंडिया अन्ना डीएमके अपनी सत्ता बचाने में असफल हो सकती है। भाजपा यहां भी अपने अस्तित्व का एहसास दिलाने में नाकाम रही है। केरल में कांग्रेस को नुकसान हो सकता है और यहां उसका सत्ता वामपंथी गठबंधन के हाथ जा सकता है। अब यहां सीटों की संख्या के संबंध में कोई पेश नहीं हो सकी है। केरल में भी भाजपा ने सख्त अभियान चलाया था लेकिन उसे यहां भी कोई सफलता मिलती नजर नहीं आती। पुडुचेरी में हालांकि कांग्रेस का सत्ता आ सकती है।