बंगाल: हर छ में से एक महिला है घरेलु हिंसा का शिकार

पश्चिम बंगाल: वैसे तो हमारे देश में कहने के लिए देश का हर संगठन महिलाओं को बराबरी का हक़ देने की बात करता है, सरकार भी महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने की बात करती रहती है। लेकिन आंकड़ों की बात करें तो नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े देश में रह रही महिलाओं की कुछ और ही तस्वीर ब्यान करते हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक बंगाल में हर छह में से एक महिला घरेलू हिंसा का शिकार हो रही है।

एनसीआरबी के इन आंकड़ों के मुताबिक साल 2015 में शादीशुदा महिलाओं के शोषण के 876 मामले दर्ज किए गए जिनमें से 15 मामलों में पत्नी की जान नहीं बच सकी। वहीँ अगर बात करें पूरे बंगाल की तो साल 2000 से 2015 तक ऐसे मामलों की संख्या 4,025 से 20,163 तक बढ़ गई।
कोलकाता पुलिस के आंकड़ों की मानें तो साल 2000 से लेकर अभी तक पत्नियों के शोषण में 12.2 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। वहीँ अगर बात करें राजधानी दिल्ली और हैदराबाद की तो यह दोनों शहर इन मामलों में कोलकाता से भी आगे हैं। पुलिस के मुताबिक इस तरह के मामले मिडिल इनकम ग्रुप्स व लोवर इनकम ग्रुप्स से ज्यादा देखने को मिल रही हैं।