बंग्लूरू: बंग्लूरू इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम बानी शहर कमपे गौड़ा की बजाय साबिक़ हुक्मराँ मैसूर टीपू सुलतान से मौसूम करने की तजवीज़ पर तन्क़ीद-ओ-तारीज़ के बाद ग्यान पीठ एवार्ड याफ़ता गिरीश कर्नाड ने आज माज़रत ख़्वाही करली है। वो ये तजवीज़ पेश करने पर तन्क़ीदों का निशाना बन गए थे जिस पर नामवर राईटर और अदाकार ने ये तनाज़ा ख़त्म करते हुए कहा कि मेरे रिमार्कस से अगर किसी के जज़बात मजरूह होते हैं तो मैं माफ़ी का तलबगार हूँ और कहा कि मेरे इन रिमार्कस का मक़सद कुछ हासिल करना नहीं है ।
उन्होंने बताया कि वो सिर्फ़ अपना नुक़्ता-ए-नज़र ज़ाहिर करना चाहते थे जिसके पस-ए-पर्दा कोई मुहर्रिकात नहीं हैं जबकि उनके रिमार्कस पर मुख़्तलिफ़ गोशों से एहतेजाज और तन्क़ीदें शुरू हो गईं। चीफ मिनिस्टर सदा रामिया ने कहा कि गिरीश कर्नाड के रिमार्कस का हुकूमत से कोई सरोकार नहीं है जिसने कल टीपू सुलतान की यौमे पैदाइश की तक़रीब मुनाक़िद की थी।
उन्होंने कहा कि ग्यान पीठ एवार्ड याफ़ता ने इस तरह का रिमार्क कर के फ़ाश ग़लती की है। चीफ मिनिस्टर ने कहा कि तैरानिगाह के नाम की तबदीली का सवाल ही नहीं पैदा होता और कमपे गौड़ा से मौसूम करने का क़तई फैसला किया गया है। सरकारी तक़रीब में गिरीश कर्नाड ने ये भी मुतनाज़ा रिमार्क किया था कि अगर टीपू सुलतान मुस्लिम की बजाय हिंदू होते तो बुलंद मुक़ाम-ओ-मर्तबा पाने जिस तरह महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी को हासिल है।
एयरपोर्ट के नाम की तबदीली की तजवीज़ पर बी जे पी , जनतादल सैकूलर और मुख़्तलिफ़ कनड़ा तनज़ीमों ने एतराज़ किया है जिस में साबिक़ चीफ मिनिस्टर कुमार स्वामी और कर्नाटक फ़िल्म चैंबर आफ़ कॉमर्स के सदर सारा गोविनंदा भी शामिल हैं।