बंद रहे बैंक, रियासत में कोयला का प्रॉडक्शन और ढुलाई ठप

रांची : ट्रेड यूनियनों की हड़ताल की वजह से दारुल हुकूमत रांची समेत रियासत के मुखतलिफ़ प्राइवेट शोबे के यूनिटों में कामकाज ठप रहा। कोयला कंपनियों में प्रॉडक्शन पर असर पड़ा है। रांची में बैंकों के कामकाज भी मुतासीर हुआ है। एसबीआई और पीएनबी हड़ताल में शामिल नहीं है। प्राइवेट बैंकों ने भी हड़ताल से खुद को अलग रखा है।

ट्रेड यूनियनों के मुलाज़िमीन ने 10 बजे से ही दफ्तरों के बाहर मुजाहिरा किया। अलबर्ट एक्का चौक पर मुलाज़िमीन की सभा हुई, इसमें मरकज़ी हुकूमत की पॉलिसियों की तनकीद की गई।

हड़ताल में शामिल एटक, इंटक, एचएमएस, सीटू, एक्टू, एआइयूटीयूसी, यूटीयूसी तथा टीयूसीसी के नुमाइंदों ने दावा किया का इस दौरान रियासत के तमाम सरकारी और गैर सरकारी अदारे बंद रहे। असर कोयला सनअत पर पड़ा है । एटक के पीके गांगुली, सीटू के डीडी रामानंदन, एक्टू के शुभेंदू सेन ने बताया कि भारत सरकार को 12 नुकती मुतालिबात खत सौंपा गया है। लेबर कानून में फेरबदल की तैयारी है। 46 में से 44 लेबर कानूनों में तर्मीम किया जा रहा है। इसे मालिकों के मुफाद के लिए बनाया जा रहा है। यूनियनों के रजिस्ट्रेशन की अमल को सख्त किया जा रहा है।

बारह नुकाती मांगो के हिमायत में आज मुल्क भर हड़ताल का असर धनबाद में सबसे ज्यादा देखने को मिल रही है। यहां सरकारी शोबे के कोयला कम्पनी बीसीसीएल, सीसीएल और ईसीएल में प्रॉडक्शन पर असर पड़ा है सुबह के पांच बजे से ही हड़ताल का असर दिखने लगा है ।अकेले बीसीसीएल में रोजाना 95 हजार टन कोयले का प्रॉडक्शन और एक लाख टन डिस्पैच होता है । बीसीसीएल इंतेजामिया ने नो वर्क नो पे का अल्टीमेटम दिया है। इसके अलावा डाक महकमा की बैंकिंग बीमा इलेक्ट्रिक सप्लाई भी असर हुआ है।