सूबे के तमाम छह मेडिकल कॉलेजों के आस-पास पांच किमी के दायरे में ऑपरेशन होनेवाले प्राइवेट नर्सिग होम और क्लिनिक बंद किये जाने पर गौर किया जा रहा है। हुकूमत की समझ है कि मेडिकल कॉलेजों के आस-पास प्राइवेट नर्सिग होम, क्लिनिक, जांच घर वगैरह होने की वजह मेडिकल कॉलेज के वसायलों का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं हो पाता है। चीफ़ सेक्रेटरी अशोक कुमार सिन्हा की सदारत में मेडिकल कॉलेजों की जांच के लिए तशकील मॉक कमेटी के साथ सनीचर को हुई तजवीज बैठक में इस मुद्दे पर बहस हुई।
मॉक कमेटी के रुक्न डॉक्टर भी इस बात से मुत्फ़िक थे कि मेडिकल कॉलेजों में लगी मशीनों और कार्यरत डॉक्टरों की प मुकम्मील सलाहियत का इस्तेमाल नजदीक में प्राइवेट नर्सिग होम होने की वजह नहीं हो पाता है। हुकूमत मेडिकल कॉलेजों के आस-पास सरकारी अस्पताल की क़याम इस दायरे में कर सकती है। साथ ही, पांच किमी के दायरे के बाद डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस कर सकेंगे। चीफ़ सेक्रेटरी मिस्टर सिन्हा ने सनीचर को दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल और जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, भागलपुर की सलाहियत और कामों की तजवीज की। मॉक कमेटी के मेंबरों ने चीफ़ सेक्रेटरी को बताया कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज में एमआरआइ, एक्स-रे मशीन वगैरह लगी हैं, पर उनका पूरी सलाहियत का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है।