बंसल और अश्वनी कुमार के इस्तीफ़ों को सदर जम्हूरीया की मंज़ूरी

नई दिल्ली, 31 मई: ( एजेंसी) सदर जम्हूरीया परनब मुखर्जी ने वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह के मश्वरा पर पवन कुमार बंसल और अश्वनी कुमार के इस्तीफ़े को मंज़ूर कर लिए । वज़ीर-ए-आज़म की तजवीज़ पर सदर जम्हूरीया ने ये हिदायत भी की कि वज़ारत रेलवेज़ और वज़ारत क़ानून-ओ-इंसाफ़ के क़लमदान की ज़ाइद ज़िम्मेदारी बिलतर्तीब सी पी जोशी और कपिल सिब्बल को तफ़वीज़ की जाये ।

याद रहे कि कांग्रेस ने एक फ़ैसलाकुन अंदाज़ में बदउनवानीयों के इल्ज़ाम की वजह से पवन कुमार बंसल और अश्वनी कुमार दोनों को मर्कज़ी काबीना से कल ख़ारिज कर दिया था । इसका फ़ैसला दरअसल यू पी ए सदर नशीन सोनीया गांधी की वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह से मुलाक़ात के बाद ही किया गया ताकि यू पी ए हुकूमत को मज़ीद धक्का ना लग सके ।

सी बी आई की कोयला स्क़ाम में तैयार की गई रिपोर्ट में तब्दीली पर सुप्रीम कोर्ट ने भी ज़बरदस्त रिमार्कस किए थे जिस के बाद यू पी ए हुकूमत को अश्वनी कुमार का दिफ़ा ( बचाव) करना मुश्किल साबित हो रहा था जबकि अश्वनी कुमार का या इद्दिआ है कि उन्होंने कोई ग़लत काम नहीं किया है ।

सिर्फ़ तनाज़ा शदीद होने की बुनियाद पर ही उन्होंने अपना इस्तीफ़ा पेश किया है । बहरहाल दूसरी तरफ़ बंसल का इस्तीफ़ा इसलिए भी नागुज़ीर हो गया था क्योंकि उन के भतीजे वजए सिंगला कैश बराए वोट स्क़ाम में वाज़िह तौर पर मुलव्वस थे और उनकी गिरफ़्तारी के बाद सी बी आई बंसल से बहरसूरत पूछगिछ करने वाली थी जबकि बंसल ने भी अपना दिफ़ा करते हुए यही कहा था कि उन्हें इस बात का इल्म नहीं था कि उन के भतीजे के रेलवे बोर्ड रुकन महेश कुमार से क़रीबी रवाबित थे ।

पवन कुमार बंसल को गुज़शता साल अक्टूबर में रेलवे का क़लमदान तफ़वीज़ किया गया था । हालाँकि उन की कारकर्दगी इत्मीनान बख़्श थी लेकिन भला हो उन के भतीजे का जो ख़ुद तो डूबा लेकिन साथ में अपने चचा को भी ले डूबा।