पटना 30 जून : जदयू एमपी शिवानंद तिवारी ने भाजपा लीडर सुशील कुमार मोदी की जुबां पर हैरत ज़ाहिर की है। उन्होंने कहा कि वे शालीन किस्म के लीडर माने जाते हैं, लेकिन बगहा गोलीकांड में जिन धमकी भरी अल्फाजों का इस्तेमाल किया गया, वह हैरतअंगेज है। बेकसूर कौन है और कौन नहीं, क्या यह हुकूमत नेजाम से हट कर कोई और शख्स तय करेगा। आजादी के बाद से ऐसी कोई हुकूमत नहीं रही, जिसने बगहा गोलीकांड की तरह संजीदगी से फैसला लिया हो।
कौन करेगा यकीन
उन्होंने माना कि भाजपा से अलग होने के बाद बनी जदयू की हुकूमत फैसला लेने में ज्यादा काबिल हो गयी है। रजामंदी या मान-मनौव्वल की कोई जरूरत नहीं है। एसपी से लेकर थानेदार तक को बदला गया। तीन-तीन थाना इन्चार्जों पर मुकदमा दर्ज किया गया। पांच लाख का मुआवजा और अदालती जांच की एलान की गयी।
बगहा की तरह दीगर गोलीकांड में मुआवजा देने की मांग पर कहा कि हुकूमत में रहते हुए भाजपा कायेदिनों को क्यों नहीं इसकी याद आयी। अगर मोदी खुद नहीं बोल सकते थे, तो दीगर लीडर ने मुआवजा की मांग क्यों नहीं उठायी। अब उनकी बातों पर कौन यकीन करेगा।
नीतीश रॉबिनहुड नहीं
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सान्हा में कई काम किये गये। नीतीश कुमार रॉबिनहुड नहीं हैं, जो दो दिनों में 15 हजार लोगों को देहरादून से निकाल दें। ऐसा कारनामा भाजपा के लीडर ही कर सकते हैं। मुल्क का लीडर बन रहे नरेंद्र मोदी को उत्तराखंड में सिर्फ गुजराती ही दिखे।
भाजपा लीडर को आगाह करते हुए कहा कि बिहार की खानेवाले गुजरात की तारीफ करना छोड़ दें। दूसरों की यकीन करने के बजाय अपने गिरेबान में झांकें, तो बेहतर होगा।