बच्चा माता पीता के पास अमानत (न्यास) हे

मनूष्य के ज़िवम‌ में बचपन का जमाना बहूत अच्छा थोडा लंबा और बहुत अहम होता है । इसी दौर में माता पीता अपनी औलाद को संस्कारी बनाने के लिए संस्कार‌और स्वभाव से सबंधीत बातों का बीज बो सकतें हें क्योंकि इस मूद्द‌त‌ में ज़हन आलूदगी से पाक होता है दिल कुदूरत से साफ़-ओ-शफ़्फ़ाफ़ और मिज़ाज फ़ित्रत सलीमा पर क़ायम होता है ।

बचपन की सादगी जराइम से नाआशनाई और नरमी-ओ-लताफ़त तबइ के बाइस बेहतर तर्बीयत के मवाक़े और इम्कानात बकसरत मौजूद होते हैं ।
अगर ज़िंदगी के इस हिस्सा से कामिल इस्तिफ़ादा किया जाये तो मुस्तक़बिल की राहें आसान होजाती हैं और इंसान ज़माने की तमाम मुश्किलात के सामने एक ताक़त्वर मोमिन बन कर और ज़हनी पुख़्तगी से बहरावर होकर जवानी की बहार में दाख़िल होता है ।
उलेमा ने कहा है कि बच्चा वालदैन के पास अमानत होता है इस का पाकीज़ा दिल एक ऐसा सादा जौहर है जो हर किस्म के नक़्श-ओ-निगार से ख़ाली है और इस पर कुछ भी नक़्श किया जा सकता है । जिस चीज़ की तरफ़ भी उसे माइल किया जाये वो इसी तरफ़ माइल हो जाएगा । अगर एसे नेकी की तालीम दे कर इस का आदी बनाया जाये तो वो उसी पर चलते हुए प्रवान चढ़ेगा और इस के वालदैन इस के सरपरस्त और उसे तालीम-ओ-तर्बीयत देने वाला हर शख़्स दुनिया-ओ-आख़िरत में सुर्ख़रु होगा ।

अगर उसे बुराई का आदी बनाया जाये और जानवरों की तरह नजरअंदाज़ करदिया जाये तो वो बदनसीब होकर तबाह-ओ-बर्बाद हो जाएगा लेकिन इस का गुनाह इस के मुंतज़िम और सरपरस्त को होगा
बच्चे की तालीम-ओ-तर्बीयत कोई इज़ाफ़ी अमल नहीं और ना ही तकमीलात में से है । ये तो उन बुनियादी उमूर में से है जो दीन इस्लाम से निसबत रखने वाले हर मुस्लमान के लिए लाज़मी और ज़रूरी हैं बल्कि ये अल्लाह ताला की तरफ़ से आइद करदा फ़र्ज़ और वाजिब है ।

अपनी औलाद को बाइज़्ज़त बनावों और उन की बेहतरीन तर्बीयत करो
और फ़रमाया :
किसी बाप ने अपनी औलाद को अच्छी तर्बीयत से बेहतर कोई तोहफ़ा नहीं दिया ।
तालीम-ओ-तर्बीयत सब से बेहतरीन तोहफ़ा और अज़ीमतरीन ज़ेवर है जो बाप अपनी औलाद को पहनाता है और ये दुनिया में मौजूद तमाम चीज़ों से बेहतर है ।

इस उम्मत के मुख़लिस अहबाब को हज़रत महंमद की तर्बीयत याफ़ता नसल की मानिंद नसल तैयार करने के लिए कमरबस्ता होकर इख़लास-ओ-वारफ़्तगी के साथ कारबन्द होना होगा और ये काम आप के नुक़ूश पर चल कर और आप के तरीका-ए-कार को इख़तियार करने ही के ज़रीया हो सकता है ।