बच्चों को हर तरह के इल्म से आरास्ता करना चाहिए

धनबाद 26 मई : अंजुमन नदयातुल असलाह का एख्तेतामी प्रोग्राम मदरसा अस्लाहुल मुस्लेमीन में जेरे सदारत मौलाना मोहम्मद एम्दादुल्लाह कासमी मुतामिम मदरसा हमीदिया बांका मुनाकिद हुआ। एख्तेतामी प्रोग्राम को बच्चों ने काफी दिलचस्प बना दिया और अरबी, उर्दू, अंग्रेजी और बंगला जबानों में तक़रीर पेश किये गए। इस के बाद मौलाना इब्राहीम कासमी नायब मुह्तामिम जामिया ने मदरसा का तारुफ़ करते हुए कहा के उस का फैज़ हर चहार जानिब नजर आता है। बिल्खुसुस इलाका में उसका किरदार इन्तेहाई अहम है।

मौलाना ताहिर हुसैन ने बच्चों की हौसला अफजाई की और कहा के बचों को हर इल्म का आरास्ता करने की ज़रूरत है। मौलाना अनायिब कासमी ने कहा के मदरसा और तलबा अल्लाह की तरफ से इनाम और तोहफा है। उन की क़दर करनी चाहिए। मुफ़्ती अनवर हुसैन कासमी इमारते शरिया रांची ने अपने बयान में कहा के आलिमे दिन अल्लाहताला का एक नूर है। उस के तालिब को शर और फसाद से दूर रहना चाहिए। मंज़ूर नेयामानी नायब नाजिम जामिया खोल्फाये रशिदैन पुरनिया ने प्रोग्राम के हसन तरतीब को सराहते हुए माजिद बेहतर करने का मशवरा दिया।

आखिर में मौलाना मोहम्मद अम्दादुल्लाह कासमी ने कहा के इस तरह का अनोखा प्रोग्राम बिहार-झारखण्ड के मदारिस में देखने को बहुत कम मिलता है। बच्चों का प्रोग्राम अच्छा लगा।

मैं दुआ करता हूँ के आल्हा ताला आयन्दा सालो और बेहतर करने की तौफिक फारमाये। प्रोग्राम के तरबियत और मौसर बनाने में असातज़ा कराम का अहम किरदार रहा। बिल्खुसुस मौलाना इशहाक कासमी, सदर मुफ़्ती वसी अहमद कासमी अपनी सरपरस्ती में बच्चों के लबो लह्बा को दरुस्त और चुस्त बनाने में नुमाया काम अंजाम दिए। इस प्रोग्राम को कामयाब बनाने में खुसूसी तौर पर मौलाना मुफ़्ती सय्फुल्लाह कासमी व दीगर हजरात का अहम रोल रहा। वाजेह रहे के अंजुमन नदयातुल अस्लाह जामिया हेज की अंजुमन जिस में तलबा तकरीरी व तहरीरी मुश्क अपने असातज़ा के जेरे निगरानी करते हैं और उनकी सलाहियत को निखारा जाता है।