हैदराबाद 07 सितम्बर : विडियो गेम्स बहुत ज़्यादा खेलने से बच्चों के हाथों में रेशा पैदा होजाता है। डाक्टरों ने ये वार्निंग भी दिया है कि गेम्स में पावर रफ़तारी का मुज़ाहरा करने की वजह से बच्चों को हड्डीयों और मसल्स की तकलीफ़ लाहक़ होजाती है। कीबोर्ड पर उंगलीयों की मुसलसिल हरकत की वजह से उंगलीयें को बहुत ज़्यादा नुक़्सान होता है।
विडियो गेम्स खेलते हुए आँखों की हरकत तेज़ होजाने से आँखों पर बुरा असर पड़ता है। मक़नातीसी लहरें कम्पयूटर स्क्रीन से निकलती रहती हैं जिनकी वजह से आँख लाल और ख़ुशक होती है। ख़ारिश होने लगती है , कभी कभी आँखों की पुतली लहराने लगती है। थकान की वजह से सर में दर्द होजाता है। जिस्म टूटने लगता है। कभी कभी बेचैनी भी पैदा होजाती है। बहुत सारे विडियो गेम्स ऐसे हैं जिनमें दूसरों को क़त्ल करके नाहक़ उन्हें मार पीट करके लुतफ़ उठाया जाता है।
बच्चे खासतौर पर लड़के इस किस्म के विडियो गेम्स इस्तेमाल करके जराइम के नित-नए तरीक़े और तरकीबें सीख लेते हैं। ये गेम्स उनके ज़हनों में तशद्दुद और लड़ने झगड़ने के एसे गुर पैदा कर देते हैं।
विडियो गेम्स के इस्तेमाल से बच्चों में नुक़सानात बढ़ रहे हैं। विडियो गेम्स ने हमारी मदद से बल्के हमारी दौलत के बल पर हमारी आँखों के सामने हमारे बच्चों की मासूमियत छीन ली। अब अगर ये तमाम विडियो गेम्स ज़बत भी करलिए जाएं तब भी ऐसी नसल पर क़ाबू पाने में बहुत ताख़ीर का शिकार हो चुके होंगे जो जदीद तारीख़ में बदतरीन मारधाड़ को अपना पसंदीदा मशग़ला बना चुकी है।