नई दिल्ली। बजट सेशन से एक दिन पहले बुलाई गई सभी पार्टियों की बैठक में भी विपक्ष के तेवर हमलावर थे। खास मुद्दा था पीएम का विपक्ष पर एनजीओ के इशारे राजग सरकार को बदनाम करने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी। हालांकि, सरकार ने सभी मुद्दों पर बहस के लिए तैयार रहने की बात कर विपक्ष को मुखालफत या नाराजगी जताने के बहुत ज्यादा हथियार नहीं दिए।
जेनयू, जाट आरक्षण, रोहित वेमुला की खुदकुशी और अरुणाचल प्रदेश जैसे बड़े मुद्दों पर जहां हुकूमत ने चर्चा के लिए तैयार रहने की बात कही। वहीं, विपक्षी पार्टियों ने साफ कर दिया कि वे भाजपा नेताओं या मंत्रियों के बयानों पर सरकार की तरफ से कार्रवाई न होने के मुद्दे पर हुकूमत को घेरेंगे।
इशारा हैं कि सदन में शीतकालीन सेशन की तुलना में तो काम ज्यादा होगा, लेकिन जीएसटी और रीयल एस्टेट जैसे बिलों को पास कराना आसान नहीं होगा। हालांकि, हुकूमत पूरी कोशिश कर रही है। विपक्ष भी बजट सत्र में सहयोग की बात तो कर रहा है। मगर पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई सर्वदलीय बैठक के बाद लोकसभा अध्यक्ष की तरफ से बुलाई गई बैठक में भी उसके तेवर तल्ख हैं।