जीएसटी कानून लागू करने की दिशा में तेजी लाने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली सेवा कर की मौजूदा 15 फीसदी दर को बढ़ाकर बजट में 16 से 18 फीसदी करने का प्रावधान ला सकते हैं। इस कदम से विमान सेवा, रेस्तरां में खाना, फोन बिल और अन्य सेवाएं महंगी हो सकती हैं और ये दरें जीएसटी के प्रस्तावित टैक्स स्लैब के करीब हो सकती हैं।
उम्मीद के मुताबिक़ एक जुलाई से लागू होने वाले जीएसटी कानून में केंद्र और राज्यों के उत्पाद शुल्क, सेवा कर और वैट जैसे करों को शामिल किया गया है। जीएसटी की कर दरों को 5,12, 18 और 28 प्रतिशत रखने का फैसला किया गया है और सेवा कर को इन्हीं में से किसी एक स्लैब में रखना बजट प्रावधान के लिए तर्कसंगत होगा।
कर विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले बजट में वित्त मंत्री ने सेवा कर 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर इसे 15 फीसदी कर दिया था और इसलिए वह इसमें कम से कम एक प्रतिशत की वृद्धि कर इसे 16 फीसदी तक तो कर ही सकते हैं। कुछ अन्य विशेषज्ञों की राय है कि सेवा कर दरों में अंतर रखा जाना चाहिए जिसमें बुनियादी सेवाओं के लिए न्यूनतम 12 फीसदी और बाकी सेवाओं के लिए अधिकतम 16 फीसदी कर प्रावधान हो।