बजरंग दल और विहिप के कार्यकर्ता सिर्फ 5% कमीशन पर बन गए देश के गद्दार

भोपाल: अभी तक तो सिर्फ मुसलमानों को ही जासूसी के लिए निशाना बना कर उनपर बेवजह आरोप लगाया जाता था और उन्हें परेशान किया जाता था, और कहीं भी कोई घटना हुई तो उसे मुस्लिमों से जोड़ कर आतंकवाद जैसे लक़ब से नवाजा जाता है. लेकिन वही लोग अभी कहा दुबग कर बैठे हैं क्या उन्हें आईएसआई के लिए जासूसी करने वाले बलराम सिंह जैसे लोग नजर नहीं आ रही, इन्हें क्या लक़ब देंगे? दरअसल सतना से बैठकर पूरे मप्र में आईएसआई के लिए जासूसों को तैयार करने वाले आईएसआई गुर्गे बलराम सिंह के बाद उसका साथी राजीव भी गिरफ्तार कर लिया गया. बलराम और राजीव मिलकर लोगों के बैंक खाते खुलवाते थे.

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एटीएस के मुताबिक बलराम लोगों को पांच फीसदी का लालच देकर बैंक में उनके खाते खुलवाता था. यानी बैंक खाते में जितनी रकम आएगी, उसका पांच फीसदी हिस्सा उस व्यक्ति को दिया जाएगा, जिसके नाम के खाता खुलवाने में दस्तावेज दिए गए. नेशनल दस्तक के अनुसार, आईएसआई एजेंट बलराम के कब्जे से एटीएस को अब तक 110 एटीएम कार्ड हासिल हो चुके हैं. ये सभी वे खाते हैं, जिनका इस्तेमाल बलराम ही करता था. इनमें से ज्यादातर लोग बजरंगदल या विश्व हिंदू परिषद से जुड़े हैं. बता दें कि इसके लिए वे 5 प्रतिशत के कमीशन पर बजरंग दल तथा विश्व हिंदू परिषद से जुड़े लोगों को तैयार किया, और दोनों संगठन के लोगों ने आईएसआई की तरफ से दिए कमीशन का भरपूर इस्तेमाल किया.

उल्लेखनीय है कि सतना निवासी राजीव का नाम सामने आने के बाद एटीएस ने जांच की जिसमे पता चला कि वह सतना जेल में बंद है. इसके बाद एक टीम सतना पहुंची और राजीव को प्रोडक्शन वारंट पर लिया. राजीव भी आईएसआई एजेंट के तौर पर बैंक खाते खुलवाने से लेकर हर तरह की बलराम की मदद करता था. इस मामले की मॉनिटरिंग राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल कर रहे हैं.

वहीँ ये बात गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने पचमढ़ी में मीडिया से चर्चा में कहा. बता दें कि पैरेलल टेलीफोन के जरिए सेना की जासूसी की डीटेल जांच रिपोर्ट प्रधानमंत्री कार्यालय और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को भी भेजी जा चुकी है.