नई दिल्ली के बटला हाउस की पांचवीं बर्सी के मौक़ा पर आज लखनऊ में रियास्ती बेंच की जानिब से होने वाली एक कान्फ़्रेंस में नई दिल्ली की शीला दिक्षित हुकूमत से मांग किया गया है कि वो फ़ौरी तौर पर बटला हाउस के मुबय्यना फ़र्ज़ी इन्काउंटर की आला सतही सी बी आई से जांच किराए।
मुक़र्ररीन ने कहा कि बटला हाउस में दिल्ली ख़ुसूसी पुलिस टीम ने आज़म गढ़ के दो नौजवानों आतिफ़ और साजिद जो जामिआ मिल्लिया में दाख़िले केलिए गए थे वहां फ़र्ज़ी तसादुम में उनको ये कह कर मार गिराया गया कि ये दोनों मुबय्यना तौर पर दहश्तगर्द हैं और उनका ताल्लुक़ इंडियन मुजाहिदीन से है।
रियास्ती बेंच के मुहम्मद शुऐब ऐडवोकेट , मसीह उद्दीन संजर पूरी, राजीव यादव, शाहनवाज़ आलम, मुहम्मद सुलेमान, एहसान उल-हक़ समेत दर्जनों मुक़र्ररीन ने नई दिल्ली की शीला दिक्षित हुकूमत पर इल्ज़ाम लगाया कि वो जानबूझ कर बटला हाउस के तसादुम के हक़ायक़ का पता नहीं लगाना चाहती है क्योंकि अगर इस तसादुम की आला सतही जांच कराई जाये तो ये हक़ीक़त सामने आजाएगा कि 19 सितंबर 2008-ए-को नई दिल्ली के बटला हाउस में जो कुछ हुआ वो सब फ़र्ज़ी था।
नई दिल्ली की ख़ुसूसी पुलिस टीम ने जानबूझ कर आज़म गढ़ के इन दो नौजवानों को मौत के घाट उतार दिया। उन्होंने कहा कि बटला हाउस फ़र्ज़ी तसादुम की कहानी बनाने में मुल्क की खु़फिया एजेंसियों खासतौर पर इन्टलीजेंस ब्यूरो का हाथ है। मुक़र्ररीन ने कहा कि गुजिश्ता पाँच साल से आज़म गढ़ के मुस्लमान इस फ़र्ज़ी तसादुम की सी बी आई से जांच कराने का मांग कररहे हैं।
मुक़र्ररीन ने कहा कि आतिफ़ इबन और साजिद बिलकुल बेक़सूर थे जिन को फ़र्ज़ी तसादुम में मार दिया गया। बटला हाउस फ़र्ज़ी तसादुम की आला सतही जांच के साथ कान्फ़्रेंस ने यू पी की अखिलेश यादव हुकूमत से मांग किया है कि वो हकीम तारिक़ क़ासिमी, मौलाना ख़ालिद मुजाहिद की गिरफ़्तारी की जांच करने वाले कमीशन की रिपोर्ट के मुताबिक़ उन लोगों को ग़लत तरीके से गिरफ़्तार करने वाले पुलिस मुलाज़मीन के ख़िलाफ़ फ़ौरी कार्रवाई करे।