विजय माल्या को आज एक बड़ा झटका लगा है। लंदन की अदालत ने सोमवार को उन्हें भारत वापस भेजे जाने का आदेश सुनाया है, जहां उन पर 9,000 करोड़ रुपए के तथाकथित बैंक धोखाधड़ी और धन शोधन के आरोप में मामले लंबित हैं।
वेस्टमिनस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट की चीफ मजिस्ट्रेट जज एमा अर्बथनॉट ने अपने आदेश में कहा कि भारतीय जांच एजेंसियों सीबीआई और ईडी द्वारा उन पर लगाए गए आरोपों की जांच के लिए माल्या को भारत वापस भेजा जा सकता है। इसके बाद जज ने माल्य प्रत्यर्पण मामले को विदेश सचिव के पास भेज दिया।
आज का यह आदेश बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है जो एक हाई-प्रोफाइल प्रत्यर्पण से जुड़ा है। सरकार कई महीनों से माल्या को लंदन से वापस देश में लाने का प्रयास कर रही थी।
वहीं कोर्ट का आदेश आने से पहले माल्या ने अपने आप को चोर कहने पर नाराजगी जताई और उन्होंने कहा कि वह भारतीय बैंकों का मूलधन वापस करने के लिए तैयार हैं और उनका यह प्रस्ताव बिल्कुल भी फर्जी नहीं है।
माल्या ने कहा कि उनकी कानूनी टीम अदालत के आदेश का अध्ययन करेगी और उसके बाद आगे की कार्रवाई के लिए कदम उठाएगी। कर्नाटक हाईकोर्ट को दिए गए सेटलमेंट प्रस्ताव के बारे में माल्या ने कहा कि उन्होंने अदालत से आग्रह किया है कि यदि यह सेटलमेंट किया जाता है तो सबसे पहले किंगफिशर एयरलाइंस के कर्मचारियों के बकाया वेतन का भुगतान किया जाए।
लंदन की मजिस्ट्रेट कोर्ट में माल्या के प्रत्यर्पण के मामले से जुड़ी सुनवाई पिछले साल 4 दिसंबर को शुरू हुई थी। इसमें कई सुनवाई हुईं और सीबीआई एवं प्रवर्तन निदेशालय ने कई सबूत पेश किए।