केरल के पत्थनमथिट्टा जिले के पश्चिमी घाट की पहाड़ी पर स्थित सबरीमाला मंदिर महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध पर आज सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी भी मामले में महिलाएं पुरुषों से कम नहीं। सीजेआई दीपक मिश्रा ने कहा कि धर्म में सब बराबर होते हैं।
बता दें कि सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं की मंदिर के अंदर एंट्री बैन है। इसको लेकर काफी समय से विवाद चल रहा है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय बेंच इस मामले में सुनावई कर रही है और इस पीठ ने अगस्त में सुनवाई पूरी होने के बाद इस पर अपना फैसला सुरक्षित रखा लिया था।
मंदिर प्रबंधन का महिलाओं के प्रतबंध पर तर्क है कि 10 से 50 साल की उम्र तक की महिलाओं के प्रवेश पर इसलिए बैन लगाया गया है क्योंकि मासिक धर्म के समय वे शुद्धता बनाए नहीं रख सकतीं।
वैसे भी मासिक धर्म के समय महिलाओं का धार्मिक कर्मकांठ के समय दूरी बनाए रखने की पंरपरा पुरात्व काल से चली आ रही है। आज कोर्ट इस पर फैसला सुनाएगी कि मंदिर प्रबंधन का प्रतिबंध सही है या गलत।