बदउनवानी के ख़िलाफ़ दो टोक जंग की जाए: बाण की मून

अक़्वाम -ए-मुत्तहदा, 10 दिसंबर (यू एन आई) अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के सैक्रेटरी जनरल बाण की मून ने अपने ब्यान में कहा कि बदउनवानी ग़रीबों को मुम्किन है कि हाशिया पर पहुंचा दे लेकिन वो उन्हें ख़ामोश नहीं करसकती। दुनियाए अरब और इस से बाहर भी आम लोगों नेबदउनवानी के ख़िलाफ़ अपनी आवाज़ बुलंद की और मुतालिबा किया कि हुकूमतें इस जमहूरीयत मुख़ालिफ़ जुर्म का सामना करें।

इस अवामी एहतिजाज के नतीजे में बैन-उल-अक़वामी मंज़र नामे में वो तबदीली आई है जिस का अभी चंद महीने पहले तसव्वुर भी नहीं किया था। अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के सरबराह ने बदउनवानी के ख़िलाफ़नबरदआज़मा मुल्कों की मदद की इस आलमी इदारे की कोशिशों पर ज़ोर देते हुए कहा कि इस का मक़सद जमहूरीयत ओ राछी हुक्मरानी के फ़रोग़ में वसीअ पैमाने पर मुआवनत करना है ।

उन्हों ने मैंबर मुल्कों से ये भी कहा कि वो बदउनवानी के ख़िलाफ़ अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के कनवेनशन की तौसीक़ करें । उन्हों ने उसे एक ताक़तवर आला क़रार दिया। सैक्योरिटी जनरल ने तिजारती हलक़ों पर ज़ोर दिया कि वो कनवेनशन के मुताबिक़ इंसिदाद बदउनवानी इक़दामात करे क्योंकि पराईओट सैक्टर को भी इस महाज़ पर मूसिरकार्रवाई से ख़ातिरख़वाह फ़ैज़ पहुंचेगा।

मिस्टर बाण की मून ने कहा कि इस मर्तबा बैन-उल-अक़वामी यौम इंसिदाद बदउनवानी के मौक़ा पर बदउनवानी के ख़िलाफ़ क्रैक डाउन में अपना किरदार मुकम्मल तौर पर अदा करने का अह्द किया जाय । मूजिब नंग हैं वो लोग जो बदउनवानी करते हैं और अख़लाक़ी इक़दार वाली तहज़ीब को ख़तरे में डालते हैं। आज के दिन दुनिया भर में बदउनवानी के ख़िलाफ़ बेदारी के प्रोग्राम मुनाक़िद किए जा रहे हैं जिन में नौजवानों के प्रोग्राम और मूसीक़ी रेज़ प्रोग्राम शामिल हैं।