बदउनवानी के मसला पर बी जे पी का दोहरा मयार

नई दिल्ली, ०५ जनवरी (पी टी आई) बी जे पी आज यू पी के साबिक़ वज़ीर बाबू सिंह कुशवाहा की पार्टी में शमूलीयत के सिलसिला में बड़े पैमाना पर परेशानी का शिकार हो गई क्योंकि उन की क़ियामगाह पर सी बी आई ने धावा किया। जो कई करोड़ रुपय मालियती एन आर ऐच ऐम अस्क़ाम के सिलसिला में था।

इन की पार्टी में शमूलीयत और असैंबली इंतिख़ाबात में उन्हें बी जे पी टिकट देने पर हरीफ़ पार्टी कांग्रेस के इलावा हलीफ़ जे डी यू ने भी सख़्त तन्क़ीद की। पार्टी के अहम क़ाइदीन बिशमोल अडवानी, मुरली मनोहर जोशी, सुषमा स्वराज और अरूण जेटली भी मुबय्यना तौर पर साबिक़ रियास्ती वज़ीर ख़ानदानी बहबूद की बी जे पी में शमूलीयत के मुख़ालिफ़ हैं, जिन्हें चीफ़ मिनिस्टर यू पी मायावती ने ओहदा से बरतरफ़ करने के इलावा बी एस पी से भी ख़ारिज कर दिया था।

हरीफ़ पार्टी कांग्रेस ने कहा कि बी जे पी एक तरफ़ तो अडवानी की ज़ेर-ए-क़ियादत कुरप्शन के ख़िलाफ़ यात्रा निकालती है दूसरी तरफ़ एक बद उनवान रियास्ती वज़ीर को पार्टी में शामिल करने के इलावा आइन्दा इंतिख़ाबात के लिए उसे उम्मीदवार नामज़द भी करती ही। ये बी जे पी की दो अमली है।

हलीफ़ पार्टी जे डी यू ने भी कहा कि बी जे पी को कुशवाहा को आइन्दा इंतिख़ाबात में अपना उम्मीदवार बनाने पर ग़ौर नहीं करना चाहीए और ना उन्हें इंतिख़ाबी मुहिम में पेश पेश रखा जाना चाहीए। मुबय्यना तौर पर कुशवाहा की पार्टी में शमूलीयत का मसला बी जे पी की मर्कज़ी इंतिख़ाबी कमेटी के इजलास में भी ज़ेर-ए-बहस आया था जो सदर बी जे पी गडकरी की ज़ेर-ए-सदारत मुनाक़िद किया गया था।

इजलास में अडवानी, सुषमा स्वराज, मुरली मनोहर जोशी ने मुबय्यना तौर पर इस इक़दाम पर अंदेशे ज़ाहिर किए थे और उन की पार्टी में शमूलीयत पर एतराज़ भी किया था, लेकिन गडकरी ने अपने फ़ैसला की मुदाफ़अत की थी। दरीं असना लखनऊ में कुशवाहा की आलीशान क़ियामगाह के बिशमोल 50 से ज़्यादा मुक़ामात पर सी बी आई ने धावे करके तलाशी ली।

वो एक दिन क़बल ही बी जे पी में शामिल हुए थी। कुशवाहा की क़ियामगाह शमालीमार रॉयल एपार्टसमेंट और दीगर मुक़ामात पर सी बी आई के 300 अरकान अमला ने 4 रियास्तों यू पी, दिल्ली, हरियाणा और मध्य प्रदेश में धावे किए और सोना, नक़द रक़म मालियती करोड़ों रुपय और काबुल एतराज़ दस्तावेज़ात ज़बत की गईं।

3 किलोग्राम सोना एक करोड़ 10 लाख रुपय नक़द रक़म और अहम दस्तावेज़ात इस कार्रवाई के दौरान पी के जैन की क़ियामगाह से ज़बत किए गई। कुशवाहा ओ बी सी क़ाइद हैं और चीफ़ मिनिस्टर यू पी मायावती के क़रीबी साथी थी, लेकिन गुज़शता साल नवंबर में कई करोड़ रुपय मालियती अस्क़ाम की बिना पर बरतरफ़ कर दिए गए।