बदले की भावना में मुख्तार को लखनऊ से आगरा शिफ्ट कर सकती है अखिलेश सरकार

शम्स तबरेज़, सियासत ब्यूरो।
लखनऊ: मुख्तार अंसारी और उनकी पार्टी कौमी एकता दल का विलय जब समाजवादी पार्टी में हुआ तब उस समय मुख्तार को आगरा से लखनऊ शिप्ट किया गया ज़ाहिर है सरकार को मुख्तार से काफी उम्मीद रही होगी, लेकिन जब मुख्तार का टिकट अखिलेश ने काट दिया तो मुख्तार ने पासा पलटते हुए साईकिल की घण्टी को नापंसद कर दिया और सीधे बसपा में शामिल हो गए। बसपा में शामिल होते ही इस बात की अटकले भी तेज़ हो गई कि जवाबी कार्रवाई में सरकार कुछ न कुछ तो ज़रूर करेगी!
हाल ही में कारागार प्रशासन ने विभाग के मुख्य सचिव को प्रस्ताव भेजकर मुख्तार को लखनऊ से आगरा जेल शिफ्ट करने की मांग किया है। अब जवाब का इंतेज़ार किया जा रहा है। कारागार प्रशासन इस बात को भी गौर कह रहा कि कहीं चुनाव आचार संहिता आड़े न आ जाए।
अगर मुख्तार अंसारी को लखनऊ से आगरा शिफ्ट किया जाता है तो इस बात के कयास भी तेज़ हो जाएंगे जब मायावती चुनावी रैलियों में सपा को हताश बताकर उनके उम्मीदवारों पर बदले की कार्रवाई का आरोप लगा सकती है और इस बात को ज़ोर देकर मुस्लिम वोटो पर अपनी पकड़ तेज़ कर सकती हैं। ये बात भी गौर करने वाली है कि मायावती ने मुख्तार को बसपा में शामिल करते वक्त मुख्तार को बेकसूर बताया था।
ज्ञात रहे कि सियासत ने सबसे पहले विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से पांच दिन पहले यानि 27 जनवरी को ही मुख्तार को लखनऊ से आगरा शिफ्ट करने का खुलासा कर चुका है।