समझौता एक्सप्रेस में बम नसब करने वाले आर एस एस के साबिक़ वर्कर कमल चौहान ने कहा कि मुल्क में दहश्तगर्द हमलों के ख़िलाफ़ यानी बम का बदला बम लेने के लिए ही समझौता एक्सप्रेस में धमाका किया गया। दिल्ली पुलिस को समझौता एक्सप्रेस के ख़ाती को पकड़ने के लिए पाँच साल दरकार हुए जबकि क़ौमी तहक़ीक़ाती एजेंसी ने आर एस एस के वर्कर को हिरासत में लेने के लिए दो साल का वक़्त लगा दिया। कमल चौहान की शनाख़्त करने के लिए क़ौमी तहक़ीक़ाती एजेंसी ने दो साल ज़ाए कर दिए जिस ने ट्रेन में बम नसब किया था।
स्वामी असीमानंद की गिरफ़्तारी के बाद क़ौमी तहक़ीक़ाती एजेंसी ने दावा किया था कि ये धमाका ज़ाफ़रानी दहश्तगर्द तंज़ीम की कारस्तानी है। इस वाक़्या के दीगर मुश्तबा अफ़राद में संदीप डांगे, राम चन्द्र कलसंगरा और अशोक उर्फ़ अश्वनी चौहान हैं। अपने स्कूल के दिनों में कमल चौहान बाक़ायदा आर एस एस की शाखाओं में हिस्सा लेता था।