लखनऊ, ०३ दिसंबर (यू एन आई) उत्तरप्रदेश में लोक आयुक्त की सिफ़ारिश पर बदउनवानी के मुल्ज़िम वज़ीरों को हटाए जाने के बाद अब उन के असासे की मर्कज़ी तफतीशी ब्यूरो (सी बी आई) से तहक़ीक़ात कराने का मुतालिबा ज़ोर पकरने लगा है।
अपोज़ीशन का कहना है कि इन वज़ीरों के सिर्फ हट जाने से ही उन की सज़ा पूरी नहीं होजाती। इन के ख़िलाफ़ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करके मुआमले की पूरी तहक़ीक़ात सी बी आई को सौंपी जानी चाहिये।
रियासत की अहम अपोज़ीशन पार्टी समाजवादी पार्टी (एस पी) ने तो उन मुआमलों में वज़ीर-ए-आला मायावती को ज़िम्मेदार ठहराते हुए उन के अस्तीफ़ा का मुतालिबा किया है।
लोक आयवकत की रिपोर्ट के बाद बदउनवानी के इल्ज़ामात में मवेशी पर्वरी के वज़ीर अवध पाल सिंह यादव, मज़हबी उमूर के वज़ीर राजेश त्रिपाठी, सैकण्डरी एजूकेशन के वज़ीर रंग नाथ मिश्रा, वज़ीर मेहनत बादशाह सिंह और अंबेडकर ग्राम विकास के वज़ीर रतन लाल अहीर वार को मायावती काबीना से बर्ख़ास्त किया जा चुका है।याद रहे कि आइन्दा साल उत्तरप्रदेश में असैंबली इलैक्शन मुनाक़िद शुदणी है ।