बर्क़ी और पानी की क़िल्लत से परेशान अवाम, अब गर्मी से मुख़्तलिफ़ अमराज़ का शिकार

हैदराबाद 26 मई (मो.जसीम उद्दीन निजामी)- एक ऐसे वक़्त जब रियासत में बर्क़ी कटौती और पानी की क़िल्लत से अवाम पहले ही परेशान और बेहाल हैं, मौसमे गर्मा की शिद्दत और चिलचिलाती धूप ने उन्हें मज़ीद परेशान कर दिया है।

इत्तिलाआत के मुताबिक़, जारीया साल मौसम गर्मा की शिद्दत ने ताहाल 84 अफ़राद को अपने क़हर का निशाना बना लिया है जबकि दवाख़ानों में ख़वातीन और बच्चों का हुजूम नज़र आ रहा है जो नाक़ाबिले बर्दाश्त गर्मी की वजहा से मुख़्तलिफ़ अमराज़ में मुबतला हो रहे हैं।

ज़राए के मुताबिक़, मौसमे गर्मा में शिद्दत आने के बाद डायरिया के मरीज़ों में भी इज़ाफ़ा हुआ है ,दर्जनों बच्चे ख़ानगी वो सिरकारी दवाख़ानों में ज़ेरे इलाज हैं। डाक्टरों का कहना है कि डायरिया का मर्ज उमूमन पीने के आलूदा पानी और आलूदा पानी से तैयार की जाने वाली बर्फ़ से होता है।

इस मर्ज़ से बचाव के लिए घर में पानी को अच्छी तरह उबाल कर इस्तेमाल किया जाए और बंडियों पर फ़रोख़त होने वाली खाने पीने की अशिया, और बर्फ़ के गोले वग़ैरा से इजतिनाब करना चाहीए।

इस मौसम में पसीने की ज़्यादती और दीगर वजूहात से जिस्म में नमकियात और हयातीन की कमी हो जाती है लिहाज़ा इस के तदारुक के लिए लेमूँ नमक मिला पानी या सकनजीन (जिसे सिरका के जरिए तय्यार किया जाता है) बहुत मुफ़ीद है।

इसी तरह तिब्ब नबवी के मुताबिक़ सिरका इस मौसम की बेशतर बीमारीयों का बेहतरीन ईलाज है। हैज़ा से बचने के लिए सिरके में भीगी हुई प्याज़ का इस्तेमाल बेहतर है चूँकि सिरका ख़ून को साफ़ करता है और फोड़े फुंसीयों से बचाता है , जिस्म की हरारत को एतेदाल पर रखता है और जिस्म से फ़ासिद मादों को निकालने में मुआविन है।

इसी तरह धूप में निकलने से क़ब्ल अर्क़े गुलाब को चेहरे पर छिड़क लें। ये क़ुदरती ऑक्सीडेंट का काम करता है और चेहरे का पानी ख़त्म होने से बचाता है।बहरहाल मुख़्तसर ये कि एहतियाती तदाबीर ही मौसमे गर्मा की शिद्दत से बचने का बेहतरीन और महफ़ूज़ तरीका है।