बर्क़ी की पैदावार में कमी और तलब में बेतहाशा इज़ाफ़ा

हैदराबाद 06 जुलाई: रियासत में बर्क़ी पैदावार में कमी और तलब में बेतहाशा इज़ाफ़ा के बाइस सब से बड़ा चैलेंज पैदा हुआ है। कोयला और क़ुदरती गैस जैसे इंधन की शदीद क़िल्लत ने ग़ैरमामूली हालात पैदा करदी है।

आंध्र प्रदेश के बर्क़ी इदारे जात बर्क़ी की तलब और पैदावार में पाए जाने वाले फ़र्क़ को दूर करने कोशां हैं। वक़्त मुक़र्ररा पर बर्क़ी की पैदावार और सरबराही का काम मूसिर तरीका पर अंजाम देने तवज्जा दी जा रही है।

रियासत की ज़रई सनअती , इनफ़रास्ट्रक्चर और मजमूई मआशी तरक़्क़ी के लिए बर्क़ी का हुसूल ज़रूरी है। ए पी ट्रांस्को के चैरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर सुरेश चंदा ने आज विधिवत सुधा में एक मीटिंग में ज़ोर दिया कि बर्क़ी पैदा करने वाले पराजक्टस का काम जारी है ।

उनकी आजलाना तकमील पर तवज्जा दी जा रही है। रियासत के मुख़्तलिफ़ इलाक़ों में मर्कज़ी हुकूमत के तआवुन से बर्क़ी शोबे को फ़रोग़ देने इक़दामात किए गए हैं।

इस सिलसिले में 8 जुलाई को एक आला सतही मीटिंग तलब किया गया है जिस में चीफ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी के सामने बर्क़ी सूरत-ए-हाल को पेश किया जाएगा।

महिकमा बर्क़ी के आला ओहदेदारों ने मौजूदा बर्क़ी सरबराही के मौक़ूफ़ पर तफ़सीली रिपोर्ट तैयार की है।