सी पी आई एम के एस्टेट सैक्रेटरी बी वी ए राघावुलु ने हुक्काम पर ज़ोर दिया है कि वो सनअतों के लिये बर्क़ी कटौती से दसतबरदारी इख़तियार करें क्यों कि बर्क़ी कटौती की वजह से रियासत में क़ायम एक लाख 61 हज़ार छोटी सनअतों में काम करने वाले लाखों वर्करज़ की गुज़र बसर पर बुरा असर पड़ रहा है । चीफ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी के नाम एक मकतूब में राघावुलु ने कहा कि इत्तेलाआत हैं कि सनअतों को 12 दिन बर्क़ी सरबराही बंद रहेगी ।
उन्हों ने कहा कि हुकूमत में दूर अंदेशी की कमी की वजह से ये सूरत-ए-हाल पैदा हुई है । उन्हों ने मुतालिबा किया कि छोटी सनअतों के लिए बर्क़ी कटौती के फैसला पर अज़ सर-ए-नौ (फिर से )ग़ौर किया जाय । छोटी सनअतों के मालकीन ने लेबर कमिशनर को इत्तिला दी है कि बर्क़ी कटौती की वजह से वो सनअतें चलाने के मौक़िफ़ में नहीं हैं ।
इसी दौरान फेडरेशन आफ़ ए पी इस्माल मीडियम एंड माईक्रो एंटर प्राइज़स ने जो नई क़ायम की गई तंज़ीम है कहा कि अगर बर्क़ी की सूरत-ए-हाल बेहतर ना हूइ तो छोटी सनअतें ख़तम हो कर रह जाएंगी । फेडरेशन के काम के आग़ाज़ पर फेडरेशन के सदर वे हनुमंत राव ने कहा कि बर्क़ी की सरबराही में कटौती और वर्करज़ की उजरतों में इज़ाफ़ा की वजह से छोटी सनअतें बंद होने पर मजबूर हैं ।
उन्हों ने कहा कि सिर्फ बर्क़ी कटौती की वजह से छोटी सनअतों को 240 करोड़ रुपये का नुक़्सान होरहा है । उन्हों ने कहा कि इस वक़्त दो दिन बर्क़ी सरबराही बंद है और बाक़ी पाँच दिन में यौमिया चार घंटे बर्क़ी कटौती हो रही है इस तरह मजमूई तौर पर हफ़्ता में मुकम्मल तीन दिन बर्क़ी सरबराही बंद है।