बर्तानिया में मज़हबी वजूहात की बिना पर अदालत में अपना चेहरा ज़ाहिर ना करने वाली ख़ातून को अदालत ने दौराने इबतिदाई समाअत नकाबपोश रहने की इजाज़त देदी है।
लंदन की 21 साला ख़ातून ने किसी भी ग़ैरमर्द के सामने अपना नक़ाब उतारने से इंकार कर दिया था। जज पीटर मर्फ़ी ने कहा कि इस हवाले से इंसाफ़ के तक़ाज़े इंतिहाई अहम हैं। पीर को अदालत फ़ैसला करेगी कि मुक़द्दमे के आग़ाज़ के बाद इस मुआमले से कैसे निमटा जाएगा।