बर्तानवी जेलों में मुस्लमान क़ैदीयों के अज़ाफे़ पर तशवीश

लंदन 17 जनवरी (एजैंसीज़) नौजवान मुस्लमान बर्तानवी शहरीयों की एक बड़ी तादाद जिन में ज़्यादा तर का ताल्लुक़ पाकिस्तान से है, जो मज़हब से दूर हो रहे हैं और उन की मंज़िल बर्तानवी जेलें हैं। ये बात एक माहिर ने कही। क़ैदख़ाने के इमाम और मुस्लमानों के मुशीर एहतिशाम अली ने इल्ज़ाम आइद किया कि ख़ानदान में इंतिशार , वालदैन की तै की हुई शादी के मसाइल मनश्शियात और मिसाली मर्द की अदमे मौजूदगी की वजह से जेलों में मुस्लमानों की तादाद में अज़ाफ़ा होगया है।

रोज़नामा टाईम्स को अपने इंटरव्यू में उन्हों ने कहा कि अपनी साढे़ आठ साला नौकरी के दौरान मुस्लमान क़ैदीयों की तादाद में अज़ाफ़ा होता देखा है। 10437 मुस्लमान क़ैदी हैं जो मजमूई 86 हज़ार क़ैदीयों का 12.65 फ़ीसद हैं। एहतिशाम का कहना था कि अचानक अज़ाफे़ की वजह बाहर से इमाम बरामद करना पड़ा है जो अंग्रेज़ी का एक लफ़्ज़ भी नहीं बोल सकते और सिर्फ मज़हबी रसूम पर तवज्जा देते हैं।