बर्तानिया के एक कॉलेज ने इंसानी हुक़ूक़ ग्रुप्स की तन्क़ीदों के बाइस तलबा के निक़ाब पर इमतिना को बर्ख़ास्त कर दिया। बर्मिंघम मेट्रो पोलीटन कॉलेज बर्तानिया का तीसरा सब से बड़ा तालीमीइदारा है जहां 44 हज़ार तलबा-ए-ज़ेर-ए-तालीम हैं।
इंतिज़ामिया ने आठ साल पहले सेक्योरिटी वजूहात की बिना इमतिना की पालिसी मुतआरिफ़ की थी। इस पालिसी में तबदीली की आज तौसीक़ करदी गई है। इन्फ़िरादी शख़्स को ऐसे मख़सूस लिबास की आज़ादी होगी जिससे इसके सक़ाफ़्ती इक़दार का इज़हार होता है। तलबा-ए-ने इमतिना के ख़िलाफ़ ज़बरदस्त सोशल मीडिया मुहिम चलाई और 9 हज़ार अफ़राद की दस्तख़ती याददाश्त में एहतिजाज का इंतिबाह दिया गया था।
चुनांचे कॉलेज ने मौक़िफ़ तबदील करते हुए कहा कि निक़ाब पर अब इमतिना नहीं रहेगा। इस एहितजाजी मुहिम की आर्गेनाईज़र सबीहा महमूद ने जो इसी कॉलेज की साबिक़ा तालिबा और मौजूदा फ़ोटो जर्नलिस्ट है। उसे अहम कामयाबी क़रार दिया लेकिन इस बात को यक़ीनी बनाने पर ज़ोर दिया कि बर्मिंघम या बर्तानिया के किसी दूसरे कॉलेज में आइन्दा ऐसा इमतिना नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हक़-ओ-इंसाफ़ के लिए हमारी कोशिश कामयाब रही और हमें इस बात को यक़ीनी बनाना होगा कि मुल्क के तमाम तालीमी इदारों में आइन्दा इस तरह का कोई इमतिना आइद ना किया जाये।