बर्तानिया में एक सरकर्दा साईंसदान ने कहा है कि मुस्तक़बिल में मुंजमिद नुत्फ़ा इस्तेमाल करने के ख्वाहिशमंदों मर्दों को चाहिए कि वो अपना नुत्फ़ा 18 बरस की उम्र में मुंजमिद कराएं।
इंसानी नुत्फ़े में उम्र बढ़ने के साथ साथ ख़राबियों के इमकानात बढ़ते जाते हैं जिन में ज़हनी सलाहीयत घटना, हल्के दर्जे का पागलपन या सकटज़ोफ़्रीन्या और दूसरी बीमारीयां शामिल हैं।
शुमाली बर्तानिया के शहर डंडी में एबर्टे यूनीवर्सिटी से वाबस्ता डॉक्टर क्यून स्मिथ ने नेशनल हेल्थ सर्विस में नुत्फ़े ज़ख़ीरा करने को मामूल बनाने की तजवीज़ भी पेश की है।