लंदन 27 जनवरी (ए एफ़ पी) बर्तानवी मईशत 2012 की आख़िरी सह माही में 0.3 फ़ीसद सुकड़ चुकी है। पूरे साल में शरह तरक़्क़ी सिफ़र थी। आज सरकारी आदाद और शुमार का इन्किशाफ़ किया गया जिस के बमूजिब बर्तानवी 3 गुना मआशी इन्हितात के दहाने पर है। मआशी मसाइल दर्पेश हैं।
जिन के नतीजा में हुकूमत पर कर्ज़ों का भारी बोझ आइद हो सकता है। इस के नतीजा में यूरोज़ोन पर भी बोझ पड़ सकता है। तीसरी सह माही में 0.9 फ़ीसद शरह तरक़्क़ी के बाद मईशत चौथी सह माही में 0.3 फ़ीसद सुकड़ गई।
देसी मसनूआत का फ़रोग़ पूरे साल सिफ़र रहा। तख़मीना के बाद 2011 और 2012 के दौरान जी डी पी भी सिफ़र रही। अगर बर्तानवी मईशत जारीए माली सह माही में भी सुकड़ना जारी रखे तो मुल्क तीसरे मआशी इन्हितात का शिकार हो जाएगा।