बर्क़ी के मसले पर आंध्र और तेलंगाना हुकूमत में ठन गई है। चीफ़ मिनिस्टर आंध्र प्रदेश एन चंद्रबाबू नायडू ने तमाम बर्क़ी मुआहिदों को मंसूख़ करने पर ज़ोर दिया है जिस की चीफ़ मिनिस्टर तेलंगाना के चंद्रशेखर राव ने सख़्त मज़म्मत करते हुए उस को तक़सीम रियासत बिल की ख़िलाफ़वरज़ी क़रार दिया है।
आंध्र और तेलंगाना की हुकूमती बर्क़ी के मसले पर आमने सामने होगई है और हर हुकूमत अपने अपने रियासतों के मुफ़ादात का तहफ़्फ़ुज़ करने का दावा कररही है।
आंध्र प्रदेश हुकूमत ने जीनको हिदायत दी हैके जिन इलाक़ों के बर्क़ी प्रोजेक्टस इन्हीं इलाक़ों को बर्क़ी सरबराह करें माज़ी में जो भी मुआहिदे हुए थे इन तमाम को मंसूख़ कर दिया जाये।
ए पी जीनको ने बर्क़ी रेगूलेटरी अथॉरीटी को मकतूब करते हुए तमाम (पी पी ए) मंसूख़ करने का मुतालिबा किया है। अगर ये मुआहिदे मंसूख़ होते हैं तो तेलंगाना को बर्क़ी बोहरान का सामना करना पड़ेगा। फिर नए बर्क़ी मुआहिदे करने पड़ेंगे।
अगर बर्क़ी मुआहिदे मंसूख़ होजाते हैं तो आंध्र प्रदेश को थर्मल पावर के ज़रीये पैदा होने वाली 426 मैगावाट बर्क़ी का फ़ायदा होगा और इस से तेलंगाना रियासत महरूम होजाएगी।
रियासत की तक़सीम के मौके पर बर्क़ी तक़सीम को भी एहमीयत दी गई। तेलंगाना डिस्कॉम को 53.89 और आंध्र प्रदेश को 46.11 फ़ीसद बर्क़ी मुख़तस की गई थी।
इस तरह के अहकामात की इजराई के बाद आंध्र प्रदेश हुकूमत ने अपने नुक़्सानात को बचाने के लिए बर्क़ी के मुआहिदों को मंसूख़ करने का मुतालिबा किया है। हाल ही में आंध्र प्रदेश काबीना की पहली मीटिंग विशाखापटनम में मुनाक़िद हुवी था, जिस में बेशतर वुज़रा ने उसकी तजवीज़ पेश की थी, जिस के बाद बर्क़ी के तमाम मुआहिदों को मंसूख़ करने का मुतालिबा किया गया है।
बावसूक़ ज़राए से पता चला हैके तेलंगाना की टी आर एस हुकूमत ने फ़ीस रेिंबर्समेंट के मुआमले में सिर्फ़ तेलंगाना के तलबा की फ़ीस अदा करने का फ़ैसला करते हुए आंध्र और राइलसीमा के तलबा की फ़ीस आंध्र हुकूमत को अदा करने पर ज़ोर दिया है, जिस के जवाब में आंध्र प्रदेश हुकूमत ने बर्क़ी मुआहिदों को मंसूख़ करने का फ़ैसला किया है।
तेलंगाना के क़ाइद अप्पोज़ीशन के जाना रेड्डी ने आंध्र प्रदेश हुकूमत के ताज़ा फ़ैसले की सख़्त मज़म्मत करते हुए कहा कि तेलुगु अवाम एक है सिर्फ़ सरहदें तक़सीम हुई है। दोनों हुकूमतें एक दूसरे से तआवुन करते हुए मसाइल को हल करने की कोशिश करें। कांग्रेस भी इस के ख़िलाफ़ इलेक्ट्रिसिटी कमीशन से रुजू होगी। ज़रूरत पड़ने पर अदलिया से भी रुजू होगी।