बर्क़ी बोहरान से निमटने हुकूमत तेलंगाना से मर्कज़ का अदम तआवुन

तेलंगाना के चीफ़ मिनिस्टर के चन्द्रशेखर राव‌ रियासत में बर्क़ी बोहरान से निमटने से मुताल्लिक़ अपने तरीका-ए-कार पर तेलुगु देशम के ज़ेरे इक़तिदार पड़ोसी रियासत आंध्र प्रदेश और ख़ुद तेलंगाना की अप्पोज़ीशन जमातों की तन्क़ीदों के दरमयान मर्कज़ को भी इस तनाज़ा में घसीट लिया और ( मर्कज़ पर ) अपनी रियासत ( तेलंगाना ) के ख़िलाफ़ इंतेक़ामी रवैया इख़तियार करने का इल्ज़ाम आइद किया।

चीफ़ मिनिस्टर के चन्द्रशेखर राव‌ के दफ़्तर से जारी आलामीया में कहा गया है कि हुकूमत-ए-हिन्द जिस को आंध्र प्रदेश तंज़ीम जदीद क़ानून पर अमल आवरी यक़ीनी बनाना चाहीए था इस ज़िमन में हुकूमत तेलंगाना के साथ तआवुन नहीं कररही है। वो ( मर्कज़ी हुकूमत ) हमारे साथ इंतेक़ामी रवैया इख़तियार कररही है।

चन्द्रशेखर राव‌ ने इल्ज़ाम आइद किया कि हुकूमत आंध्र प्रदेश तेलंगाना को अपनी तरफ़ से बाक़ी 54 फ़ीसद बर्क़ी सरबराह नहीं कररही है और श्री सेलम ज़ख़ीरा आब पर बर्क़ी की पैदावार में रुकावटें पैदा करने की कोशिश कररही है। टी आर एस के सरबराह चन्द्रशेखर राव‌ ने कहा कि माज़ी के हुकमरानों ने तेलंगाना में बर्क़ी पैदा करने के यूनिटों का क़ियाम अमल में नहीं लाया चुनांचे हम यहां अब बर्क़ी बोहरान का सामना कररहे हैं।

बर्क़ी के लिए हमारी मुश्किलात व परेशानयां आइन्दा दो तीन साल तक जारी रहेंगी। चुनाव मुहिम के दौरान भी में अवाम से ये बात कह चुका था। तेलंगाना में बर्क़ी बोहरान से निमटने अपनी हुकूमत के इक़दामात का तज़किरा करते हुए के सी आर ने कहा कि तेलंगाना फ़िलहाल छत्तीसगढ़ से 1000 मैगावाट बर्क़ी ख़रीद रहा है और बोहरान हल करने के लिए जदीद बर्क़ी पैदावारी स्टेशनस क़ायम किए जाऐंगे । उन्होंने किसानों से अपील की के मौसम रबी के दौरान धान के बजाये उन मुतबादिल फसलों की काशत करें जिन्हें आबपाशी के ज़रीये सेराब किया जा सकता है।

वाज़िह रहे के तेलंगाना में जारी बर्क़ी बोहरान से बेहतर अंदाज़ में निमटने में अपनी नाकामी पर अप्पोज़ीशन के बढ़ते हुए तन्क़ीदी हमलों के तनाज़ुर में के सी आर ने ये बयान जारी किया है।

के सी आर ने कहा कि बोहरान से निमटने ना सिर्फ़ दूसरी रियासत से बर्क़ी ख़रीदी जा रही है बल्कि श्रीसेलम और नागर जुनासागर ज़ख़ाइर आब पर बर्क़ी की पैदावार की जा रही है जिस से किसानों को किसी हद तक राहत होसकती है।

उन्हों ने किसानों से अपील की के इस सूरत-ए-हाल में वो हुकूमत से तआवुन करें और मौसम रबी में धान के बजाये एसी मुतबादिल फसलों की काशत करें जिन के लिए कम पानी दरकार होता है।